सुशांत केस: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, गुरुवार को फैसला सुना सकती है अदालत
नई दिल्ली। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में रिया चक्रवर्ती की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में रिया चक्रवर्ती ने याचिका दाखिल कर केस को बिहार से मुंबई ट्रांसफर करने की अपील की थी।सुशांत सिंह राजपूत के केस की जांच मुंबई पुलिस करेगी या सीबीआई, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। गुरुवार तक लिखित याचिकाएं दाखिल की जाएंगी।
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सीबीआई कर सकती है जांच- तुषार मेहता
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में इस केस में रिया चक्रवर्ती की ओर से श्याम दीवान, महाराष्ट्र सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी, बिहार सरकार की ओर से मनिंदर सिंह और भारत सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपने-अपने पक्ष रखे। अपने पक्ष में तुषार मेहता ने कहा कि ईडी पहले ही मामले की जांच कर रहा है। ऐसे में अगर कोई एक केंद्रीय एजेंसी मामला रजिस्टर कर लेती है दूसरी सीबीआई भी केस की जांच में शामिल होना चाहिए। तुषार मेहता ने कहा कि सीआरपीसी 174 के तहत शुरू दुर्घटना में मौत की जांच बहुत कम समय तक चलती है। बॉडी देख कर और स्पॉट पर जाकर देखा जाता है कि मौत की वजह संदिग्ध है या नहीं। फिर एफआईआर दर्ज होती है।मुंबई पुलिस जो कर रही है, वह सही नहीं है।
रिया के वकील में मुंबई पुलिस की जांच पर जताया संतोष
सुनवाई के दौरान रिया चक्रवर्ती के वकील श्याम दीवान से जज ने पूछा कि आपने खुद याचिका में कहा कि आप सीबीआई जांच चाहते हैं। क्या यह सही है? दीवान ने कहा, 'हां, लेकिन हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं। जिस तरह से जांच सीबीआई को दी गई, उस पर हमें शक है। पहले मामला मुंबई पुलिस को दिया जाए। फिर बाद में तय हो। रिया के वकील श्याम दीवान ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में यह आरोप भी लगाया कि सुशांत के पिता केके सिंह अपने प्रभावशाली रिश्तेदारों का इस्तेमाल करके केस को प्रभावित करने की कोशिश कर कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान रिया चक्रवर्ती का एक बयान भी सामने आया है जो उनके वकील श्याम दीवान ने पढ़कर सुनाया। इस बयान में रिया ने कहा, 'मुझे सुशांत सिंह राजपूत से प्यार था। उनके निधन से मुझे बेहद गहरा आघात लगा था लेकिन अब मुझे ही इसमें परेशान किया जा रहा है।'
सुशांत के पिता के वकील ने जांच पर उठाए सवाल
वहीं सुशांत सिंह राजपूत के पिता के वकील विकास सिंह ने कहा कि सुशांत को परिवार से दूर किया जा रहा था। पिता ने बार-बार पूछा कि मेरे बेटे का क्या इलाज हो रहा है? मुझे वहां आने दो। मामले में कई पहलू जांच के लायक हैं। ऐसा लग रहा है कि गले पर निशान बेल्ट के थे। बॉडी को किसी ने पंखे से लटका हुआ नहीं देखा। वहीं महाराष्ट्र सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देश मे संघीय ढांचा है। क्या शिकायतकर्ता की सुविधा के लिए कहीं भी केस दर्ज कर लिया जाएगा? इस केस में हर कोई वकील और जज बन गया है। कोई कह रहा है आत्महत्या है, कोई हत्या। लेकिन यह तय है कि मामले में आपराधिक मुकदमा प्रक्रिया की हत्या हो रही है। उन्होंने कहा, मीडिया मामले को कितना भी सनसनीखेज बनाए। इससे कोर्ट को फर्क नहीं पड़ता।
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