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महाराष्ट्र: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बोले, शिवसेना को सरकार बनाने के लिए वक्त नहीं देना भेदभावपूर्ण

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मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। सोमवार रात को शिवसेना ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सरकार बनाने के लिए और अधिक समय मांगा था। भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना के अनुरोध को ठुकरा दिया। राज्यपाल के इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस पीबी सामंत ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने राज्यपाल के इस फैसले को अतार्किक और पक्षपातपूर्ण बताया। दरअसल शिवसेना के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार रात को राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने की इच्छा जाहिर की। महाराष्‍ट्र में राष्‍ट्रपति शासन के लिए राज्‍यपाल की सिफारिश को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। वहीं शिवसेना इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज पीबी सावंत ने कहा कि राज्यपाल के इस फैसले को अतार्किक और भेदभावपूर्ण कहा। वहीं महाराष्ट्र के पूर्व महाअधिवक्ता श्री हरि अणे ने राज्यपाल के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने ये भी कहा कि जो राजनीतिक परिस्थतियां उभर रही हैं, उसका निष्कर्ष राष्ट्रपति शासन ही प्रतीत होता है। गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को नतीजे घोषित होने के 18 दिन बाद भी कोई भी पार्टी सरकार बनाने का दावा नहीं कर पाई है।

एनसीपी को दिया था आमंत्रित

एनसीपी को दिया था आमंत्रित

गौरतलब है कि सोमवार शाम को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। इससे पहले शनिवार शाम को राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन बीजेपी ने सरकार बनाने में असमर्थता जताई थी। एनसीपी के सूत्रों से आ रही खबर के मुताबिक जब तक कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं होगी, तब तक वो शिवसेना के साथ नहीं जाएगी।

राज्यपाल पर उठाए सवाल

राज्यपाल पर उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज सावंत ने कहा कि राज्यपाल बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 15 दिन का समय दे सकते हैं लेकिन वह अन्य दलों को 24 घंटे से अधिक नहीं दे सकते? इसमें तो कोई शक ही नहीं है कि यह अवैध, पक्षपातपूर्ण और अनुचित है। एक पार्टी कह सकती है कि हम साबित कर सकते हैं कि हमारे पास सदन में बहुमत है। अभी तक सदन का गठन नहीं हुआ है। उन्हें समर्थन पत्र सौंपने की आवश्यकता नहीं है। वे कह सकते हैं कि हम अपना बहुमत साबित करेंगे।

शिवसेना-बीजेपी गठबंधन टूटा

शिवसेना-बीजेपी गठबंधन टूटा

गौरतलब है कि शिवसेना का बीजेपी के साथ 30 साल पुराना गठबंधन टूट गया है। शिवसेना ने बीजेपी के सामने सरकार बनाने को लेकर 50-50 फॉर्मूले की मांग रखी थी। इस फॉर्मूले के मुताबिक सूबे में सरकार बनने पर ढाई-ढाई साल तक सरकार चलाने का मॉडल था। शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के साथ समझौता इसी फॉर्मूले पर हुआ था लेकिन बीजेपी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ। सोमवार को मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर कार्य कर रहे शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कैबिनेट से अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस्तीफा सौंपा।

महाराष्ट्र में क्या हैं सियासी समीकरण

महाराष्ट्र में क्या हैं सियासी समीकरण

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पिछले महीने संपन्न विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को अपने दम पर स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीट में से बीजेपी को सर्वाधिक 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत हासिल हुई है। चुनाव पूर्व गठबंधन कर चुनाव लड़ी बीजेपी और शिवसेना को कुल मिलाकर 161 सीटें मिली हैं। लेकिन सीएम पद को लेकर दोनों पार्टियों में गतरोध शुरू हो गया और गठबंधन टूट गया। महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल नौ नवंबर को खत्म हो गया।

ये भी पढे़ं- महाराष्ट्र: परेश रावल का सत्ता के घमासान को लेकर ट्वीट, 'चल रहा है दही हांडी का खेल, देखते हैं कौन....'

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English summary
Maharashtra: Supreme Court retired justice PB Samant says governor denies Sena more time is partial
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