सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील के मुद्दे पर दायर समीक्षा याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली। राफेल डील मामले में दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 को राफेल डील की प्रक्रिया को सही ठहराया था। लेकिन इसके बाद मीडिया की कुछ रिपोर्ट और कागजात के आधार पर सुप्रीम कोर्ट इस मामले को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के लिए हामी भरी थी। जिसके बाद इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इसपर अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का वक्त मांगा था। हालांकि कोर्ट ने समय नहीं दिया। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से 4 मई को सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील पर एक ताजा हलफनामा दायर किया गया है। सरकार ने अपने इस नए हलफनामे में कहा है कि 14 दिसंबर 2018 को 36 राफेल जेट की खरीद पर जो फैसला दिया था, वह सही था।
अपने हलफनामे में सरकार ने कहा है कि अप्रमाणित मीडिया रिपोर्ट और अधूरी फाइल्स को पुर्नविचार के लिए आधार नहीं बनाया जा सकता है। सरकार की ओर से दायर इस हलफनामे के मुताबिक राफेल डील की पीएमओ की ओर से हो रही निगरानी को हस्तक्षेप या फिर समानंतर बातचीत के तौर पर नहीं करार दिया जा सकता है। इसके अलावा इस हलफनामे में यह भी कहा गया है कि तत्कालीन रक्षा मंत्री ने फाइल में लिखा है कि ऐसा लगता है कि पीएमओ और फ्रेंच राष्ट्रपति के ऑफिस की ओर से इस पर नजर रखी जा रही है जो कि सम्मेलन में हुई मुलाकात का नतीजा है।
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा इस मामले में कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि आपकी याचिका नहीं सुनेंगें
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