पी चिदंबरम की जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
नई
दिल्ली।
कांग्रेस
सांसद
पी
चिदंबरम
की
जमानत
याचिका
पर
सुप्रीम
कोर्ट
ने
फैसला
सुरक्षित
रख
लिया
है।
आईएनएक्स
मीडिया
से
जुड़े
मनी
लांड्रिंग
मामले
में
गिरफ्तार
चिदंबरम
ने
अपनी
जमानत
अर्जी
खारिज
करने
के
दिल्ली
हाईकोर्ट
के
फैसले
को
सुप्रीम
कोर्ट
में
चुनौती
दी
है।
जिस
पर
बीते
दो
दिन
से
सुप्रीम
कोर्ट
में
सुनवाई
हो
रही
थी।
गुरुवार
को
सुनवाई
पूरी
होने
पर
अदालत
ने
फैसला
सुरक्षित
रख
लिया
है।
चिदंबरम
फिलहाल
ईडी
की
हिरासत
में
तिहाड़
जेल
में
बंद
हैं।
वकील ने उठाए दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल
चिदंबरम की जमानत अर्जी पर जिरह करते हुए उनके वकील कपिल सिब्बल ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत ना देने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाए। सिब्ब्ल ने अदालत में कहा, दिल्ली हाईकोर्ट के बर्ताव से ऐसा लगता है कि उनके मुवक्किल रंगा-बिल्ला जैसे कोई अपराधी हैं। सिब्बल ने जस्टिस आर भानुमति की अगुवाई वाले बेंच से कहा, चिदंबरम के बारे में कोर्ट की दलील सही होती तो मैं कभी जमानत नहीं मांगता लेकिन उनको जेल में रखने पर हाईकोर्ट जितना जोर दे रहा है, उससे वह गलत मैसेज जा रहा है। ऐसा लगता है वो किसी दबाव में ऐसा कर रहे हैं।
तीन महीने से ज्यादा समय से जेल में
सीबीआई ने किया था गिरफ्तार आईएनएक्स मीडिया केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद चिदंबरम जेल में हैं। सीबीआई के मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है लेकिन वो जेल से बाहर नहीं आ सके क्योंकि उससे पहले ही कोर्ट ने ईडी को उनकी हिरासत दे दी। अब वो ईडी की हिरासत में जेल में हैं।
क्या हैं पूर्व मंत्री पर आरोप
2007 में पी चिदंबरम के वित्तमंत्री रहते हुए आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन हासिल करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में अनियमितता बरते जाने के आरोप है। मामले में गिरफ्तार पी चिदंबरम इस समय जेल में हैं। उनके बेटे कार्ति चिदंबरम भी आरोपी हैं, वो भी मामले में जेल में रह चुके हैं और अभी जमानत पर हैं।
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