सांसद-विधायक कर सकते हैं कोर्ट में प्रैक्टिस, SC का रोक लगाने से इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में सांसद, विधायकों के कोर्ट में बतौर वकील प्रैक्टिस को लेकर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ये तमाम संसद और विधानसभा के प्रतिनिध अपने पद पर रहते हुए बतौर वकील प्रैक्टिस कर सकते हैं। कोर्ट ने इस मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमे मांग की गई थी कि सांसद और विधायकों को उनके कार्यकाल के दौरान कोर्ट में प्रैक्टिस किए जाने पर रोक लगाई जाए।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक सांसदों और विधायकों को कोर्ट में प्रैक्टिस करने से नहीं रोका जा सकता है। गौरतलब है कि कोर्ट में इस मामले में एक याचिका दायर की गई थी, जिसे भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया था। उन्होंने अपनी याचिका में मांग की थी कि सांसद, विधायक और एमएलसी को अपने कार्यकाल के दौरान कोर्ट में प्रैक्टिस करने पर रोक लगनी चाहिए।
इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि सांसद और विधायक चुने हुए प्रतिनिधि हैं ना कि पूर्ण कालिक सरकारी कर्मचारी, लिहाजा इस याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन बावजूद इसके अश्विनी उपाध्याय ने कोर्ट में याचिका दायर करके कहा का ये सभी प्रतिनिधि जनता के पैसे से सैलरी पाते हैं, लिहाजा इनपर प्रतिबंध लगना चाहिए। इसपर बेंच ने कहा कि यह रोजगार मालिक और नौकर की तरह है, और भारत सरकार संसद की मालिक नहीं है।
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