सुप्रीम कोर्ट ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली PIL की खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि जनहित याचिका के लिए भी कोई अनुशासन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राकेश अस्थाना को पद पर बने रहना चाहिए या नहीं, इसके लिए प्रभावित व्यक्ति को कोर्ट में आने दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई रंजन गोगोई ने याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाते हुए PIL दायर करने का औचित्य पूछा।
अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज
याचिका दायर किए जाने पर सख्त टिप्पणी करते हुए सीजेआई ने कहा कि आपने इधर-उधर से जोड़कर सारी प्रार्थनाएं एक आसमान के नीचे कर दी। ऐसा नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमें समझ नहीं आया कि आपकी याचिका क्या है और किस तरह की राहत चाहते हैं। उन्होंने एमएल शर्मा से पूछा कि राकेश अस्थाना के खिलाफ हाई पावर कमेटी से क्या तात्पर्य है।
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मनोहर लाल शर्मा ने दायर की थी याचिका
इसके पहले, वकील मनोहर लाल शर्मा ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा कि कानूनन, FIR में आरोपी राकेश अस्थाना को मामले के निपटारे तक निलंबित किया जाना चाहिए। लेकिन इसके विपरीत सरकार ने उनको प्रमोशन देकर डीजी बना दिया। याचिका में शर्मा ने आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर पद से हटाने के उच्च स्तरीय कमेटी के फैसले को रद्द करने की मांग भी की थी।
सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर पद से अस्थाना को हटाया गया था
सीबीआई के बीच जारी विवाद के बीच कैबिनेट की अप्वाइंटमेंट कमेटी ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर पद से हटाकर राकेश अस्थाना को बीसीएएस का महानिदेशक नियुक्त कर दिया था। इसके अलावा अलावा मनीष कुमार सिन्हा और जयंत जे नाइकरवरे की भी सीबीआई से छुट्टी कर दी गई थी।