पद्मावती विवाद: सुप्रीम कोर्ट का दखल से इंकार, सेंसर बोर्ड ने ठुकराई तेजी लाने की मांग
सेंसर बोर्ड ने मांग को ठुकराते हुए कहा कि, फिल्म का रिव्यू सेंसर बोर्ड के नियमो के अनुसार ही होगा। फिल्म को लेकर हो रहे विरोधो के चलते फिल्मकारों ने पद्मावती की रिलीज़ डेट भी 1 दिसंबर से आगे बढ़ा दी है।
नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती पर जारी विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म रिलीज से जुड़े मामले में दखल देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के काम में दखल नहीं दी जा सकती। आपको बता दें कि विवादों में चल रही संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म पद्मावती का मामला शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म में रानी पद्मावती का चरित्र हनन किया गया है।याचिकाकर्ता ने फिल्म से आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने की अपील की थी।इससे पहले ज्यादा विवादित फिल्म 'पद्मावती' का सर्टीफिकेशन कार्य जल्दी करने के लिए फ़िल्मकेर्स की मांग को सेंसर बोर्ड ने ठुकरा दिया है।
सेंसर बोर्ड ने मांग को ठुकराते हुए कहा कि, फिल्म का रिव्यू सेंसर बोर्ड के नियमो के अनुसार ही होगा। फिल्म को लेकर हो रहे विरोधो के चलते फिल्मकारों ने पद्मावती की रिलीज़ डेट भी 1 दिसंबर से आगे बढ़ा दी है। इस मामले में शुक्रवार को सेंसर बोर्ड के चीफ प्रसून जोशी ने मीडिया से कहा कि, "सेंसर बोर्ड ने अभी तक न तो फिल्म देखी और न ही इसे सर्टिफिकेट दिया। लेकिन इसके मेकर्स की ओर से प्राइवेट स्क्रीनिंग करना और नेशनल चैनल्स पर फिल्म का रिव्यू करना बेहद निराशाजनक है।"
फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे संगठनों का आरोप है कि इस मूवी में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है। संगठनों का कहना है कि मूवी में सपने के एक दृश्य में अलाउद्दीन और पद्मावती को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है। हालांकि फिल्म के निर्माता संजय लीला भंसाली लगातार इस बात को खारिज कर रहे हैं। बता दें कि पहले पद्मावती को 1 दिसंबर को रिलीज किया जाना था, लेकिन अब निर्माता खुद ही इस तारीख से पीछे हट चुके हैं।
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