एससी-एसटी एक्ट में संशोधन पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम में संशोधन पर रोक लगाने से एक बार फिर इनकार कर दिया है। इसके साथ-साथ स्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि वह पुनरीक्षण याचिका समेत सभी मामलों पर 19 फरवरी को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह की ओर से लगाई गई उस याचिका पर आया है जिसमें उन्होंने इस अधिनियम में किए गए बदलाव पर तत्काल रोक लगाने की मांग की थी।
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत के मार्च के फैसले को निष्प्रभावी बनाने और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (अत्याचारों की रोकथाम) कानून की पहले की स्थिति बहाल करने के लिए इसमें किए गए संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। पिले साल अगस्त में, संसद ने 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को पलटते हुए संशोधन विधेयक पारित किया था, जिसमें अधिनियम के तहत निर्दोष लोगों के झूठे आरोप से बचने के लिए प्रारंभिक जांच के बिना गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी।
लेकिन संशोधन विधेयक में एससी-एसटी के खिलाफ अत्याचार के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत के किसी भी संभावना को खत्म कर दिया। इसमें प्रावधान है कि आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए किसी प्रारंभिक जांच की आवश्यकता नहीं है और इस कानून के तहत गिरफ्तारी के लिए किसी प्रकार की पूर्व अनुमति की आवश्यकता भी नहीं है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए इस अधिनियम में किए गए बदलाव के बाद देश के कुछ हिस्सों खासकर राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।
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