Padmaavat: सुप्रीम कोर्ट का फिल्म पर आगे सुनवाई करने से इनकार, कहा- 'राज्य नहीं रोक सकते रिलीज'
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत पर दाखिला याचिका पर सुनवाई करने को मना कर दिया। उच्चतम न्यायालय में वकील मनोहर लाल शर्मा ने याचिका दायर की थी कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को जो सर्टिफिकेट दिया है वो अवैध है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' पर दाखिला याचिका पर सुनवाई करने को मना कर दिया। उच्चतम न्यायालय में वकील मनोहर लाल शर्मा ने याचिका दायर की थी कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को जो सर्टिफिकेट दिया है वो अवैध है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि कोर्ट गुरुवार को पहले ही आदेश दे चुका है।
वकील मनोहर लाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' को मिले सर्टिफिकेट को लेकर याचिका डाली थी। शर्मा का कहना था कि सेंसर बोर्ड की तरफ से फिल्म को मिला अवैध है। इस याचिका पर दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने सुनवाई करने से मना कर दिया। बेंच ने कहा, 'कोर्ट को एक संवैधानिक न्यायालय के रूप में काम करना है। कल अंतरिम आदेश में कोर्ट पहले ही कह चुका है कि राज्य किसी भी फिल्म को स्क्रीनिंग से नहीं रोक सकते।'
गौरतलब है कि कई बीजेपी शासित राज्यों ने फिल्म को रिलीज होने से बैन कर दिया था। इस बैन के खिलाफ पद्मावत के प्रोड्यूसर्स ने सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रोड्यूसर्स के हक में फैसला सुनाते हुए कहा था कि राज्य फिल्म को रिलीज होने से नहीं रोक सकते। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद राजपूत करणी सेना काफी गुस्से में है। करणी सेना का देश के कई शहरों में फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी को भी करणी सेना ने खुली धमकी दी है। करणी सेना के सुखदेव सिंह राजपूत ने सेंसर बोर्ड अध्यक्ष को धमकी देते हुए कहा कि उन्हें राजस्थान में घुसने नहीं दिया जाएगा।
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