आधार की अनिवार्यता पर कल फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट कल (बुधवार) फैसला सुना सकता है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने मई में 38 दिनों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ तय करेगी कि आधार निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है या नहीं और सभी योजनाओं में आधार की अनिवार्यता सही है या नहीं।
आधार को लेकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा फैसला सुनाएंगे। संविधान पीठ में न्यायमूर्ति ए के सिकरी, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल हैं। लंबे समय से आधार की अनिवार्यता पर फैसले का इंतजार हो रहा है। फैसले से तय होगा कि आधार तमाम योजनाओं में जरूरी होगा। मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने आधार के बैंक और मोबाइल से लिंक करने की डेडलाइन अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी थी। अभी सभी योजनाओं में नागरिकों के लिए ये जरूरी नहीं है।
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आधार की अनिवार्यता का मामले में 10 मई को सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ में सुनवाई पूरी हुई थी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने करीब चार महीने के दौरान 38 दिन इस पर सुनवाई की थी। फैसला आने तक सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के अलावा बाकी सभी केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं में आधार की अनिवार्यता पर रोक लगाई गई है। इनमें मोबाइल सिम व बैंक खाते भी शामिल हैं। निजता को मौलिक अधिकार बताने का फैसला आने के बाद अब इस बारे में फैसला आएगा कि क्या आधार के लिए लिया जाने वाला डाटा निजता का उल्लंघन है या नहीं?
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