आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ सख्त सुप्रीम कोर्ट, जब्त होगा अस्पताल और टावर
नई दिल्ली। आम्रपाली ग्रुप ने जिस तरह से कोर्ट के आदेश के बाद भी तमाम लेन-देन की जानकारी की जानकारी नहीं दी गई उसपर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। संपत्तियों की जानकारी नहीं देने से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम्रपाली ग्रुप की तमाम संपत्तियों को अटैच करने का आदेश दे दिया है। आम्रपाली ग्रुप की जिन संपत्तियो को अटैच किया जाएगा उसमे ग्रेटर नोएडा स्थित हॉस्पिटल, नोएडा स्थि टावर और गोवा का एक विला शामिल है। इसके अलावा कोर्ट ने गौरी सुता नाम की कंपनी से जुड़ी संपत्तियों और अकाउंट को भी अटैच करने का आदेश दिया है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के जज ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आम्रपाली ग्रुप के डायरेक्टरों से कहा कि क्यों ना आपके खिलाफ कोर्ट की अवमाना करने के आरोप में सजा दी जाए। कोर्ट ने कहा कि जो तथ्य सामने आए हैं उसमे यह पता चलता है कि कंपनी ने ना तो ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को पैसे दिए और ना ही खरीदारों के पैसे से फ्लैट तैयार किए। बजाए इसके कंपनी ने इन पैसों से अलग-अलग कंपनियां बनाई और यह पैसा उन कंपनियों में डायवर्ट किया।
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने कहा कि पहली नजर में यह साफ लगता है कि गंभीर तरह का फर्जीवाड़ा किया गया है। जो भी कंपनी या प्रॉपर्टी को बनाया गया है वह आम्रपाली ग्रुप के फंड से बनाया गया है। ये तमाम संपत्ति खरीददारों के पैसे से बनी है, जिसे बेचकर खरीददारों का पैसा वापस करना होगा। आम्रपाली ग्रुप के नोएडा स्थित टावर और ग्रेनो अस्पताल को जब्त किया जाएगा। इसके अलावा गोवा के विला की जानकारी को सुप्रीम कोर्ट में जमा करने का डीएम को आदेश दिया गया है।
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