सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की 9 संपत्तियां करायी सील, चाबियां जमा करने का दिया आदेश
नई दिल्ली। रियल एस्टेट ग्रुप आम्रपाली की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। समूह को सुप्रीम कोर्ट से एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं। बुधवार को मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट वे आदेश दिया कि, आम्रपाली रियल एस्टेट की 9 प्रॉपर्टी सील कर दी जाएं। आपको बता दें कि इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के 3 डायरेक्टर्स को पुलिस कस्टडी में भेज दिया था। आम्रपाली ग्रुप पर 40 हजार खरीदारों को वक्त पर घर का पजेशन ना दे पाने का आरोप है। खरीदारों ने घर मिलने में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
जगहों को सील कर चाबी सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को देने का आदेश
बुधवार को मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की पुलिस को 7 जगहों को सील करने के आदेश दिए जहां कागजात रखे हैं। कोर्ट ने बिहार पुलिस को राजगीर और बक्सर के ऑफिस को भी सील करने के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि इन 9 जगहों को सील कर चाबी सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को दी जाएगी। इसके बाद खाते संबंधी कागजात के लिए सिर्फ फोरेंसिक ऑडिटर्स की टीम या उनके द्वारा नियुक्त किए गए अधिकारी ही इन जगहों पर जा सकेंगे।
दस्तावेज ना सौंपने के चलते लिया गया हिरासत में
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के सीएमडी और दोनों डायरेक्टर्स से लिखित में अंडरटेकिंग ली है कि खाते संबंधी कागजात इन जगहों को छोडकर कहीं और नहीं रखे हैं। बता दें कि मंगलवार को शीर्ष अदालत के आदेश पर ग्रुप के तीन डायरेक्टरों- अनिल कुमार शर्मा, शोव प्रिया और अजय कुमार को पुलिस ने हिरासत में लिया गया था। कोर्ट ने कहा था- लुकाछिपी का खेल बहुत हुआ। जब तक आप हमारे आदेशों का पालन नहीं करेंगे, दस्तावेज नहीं सौंपेंगे, तब तक पुलिस हिरासत में रहेंगे।
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लॉकअप में ना रखने के लिए दायर की थी याचिका
इसे अलावा तीनों निदेशकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका में कहा था कि उन्हें लॉक अप में ना रखा जाए, उन्हें घर या गेस्ट हाउस में रखें। कोर्ट में तीनों निदेशकों ने आज कहा कि, रात को ऑडिटर्स को कागजात देना चाहते थे लेकिन वो उपलब्ध नहीं थे। वहीं पिछली सुनवाईयों में कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को अपनी रुके हुए प्रोजेक्ट्स के निर्माण के वित्तपोषण के लिए बैंकों, हुडको और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ बातचीत करने की स्वतंत्रता दी थी।
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