स्टूडेंट के लिए बीवी को छोड़ने वाले प्रोफेसर को सुप्रीम कोर्ट का आदेश, पत्नी को देना होगा गुजारा भत्ता
बिहार के 'लवगुरु' के तौर पर जाने जाने वाले पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी को सुप्रीम कोर्ट ने पहली पत्नी को गुजारा भत्ता देने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मटुकनाथ को कहा है कि उन्हें पहली पत्नी को अपने वेतन से एक तिहाई हिस्सा गुजारा भत्ता के तौर पर देना होगा।
नई दिल्ली। बिहार के 'लवगुरु' के तौर पर जाने जाने वाले पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी को सुप्रीम कोर्ट ने पहली पत्नी को गुजारा भत्ता देने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मटुकनाथ को कहा है कि उन्हें पहली पत्नी को अपने वेतन से एक तिहाई हिस्सा गुजारा भत्ता के तौर पर देना होगा। इतना ही नहीं, रिटायर होने के बाद भी गुजारा भत्ता चालू रहेगा और वो ये रुपये अपनी पेंशन में से पहली पत्नी को देंगे। गौरतलब है कि मटुकनाथ ने यूनिवर्सिटी की एक छात्रा से संबंधों के चलते पत्नी को छोड़ दिया था।
पटना यूनिवर्सिटी के विवादित प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी को अपनी पूर्व पत्नी को गुजारा भत्ता देना होगा। पहली पत्नी को गुजारा भत्ता देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। कोर्ट का कहना है कि वो नौकरी रहते सैलरी से और रिटायर होने के बाद पेंशन में से एक तिहाई हिस्सा पूर्व पत्नी को दें। साथ ही मटुकनाथ को अब तक की बकाया राशि 18.5 लाख रुपये भी पहली पत्नी के अकाउंट में जमा कराने होंगे।
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मटुकनाथ चौधरी अपनी स्टूडेंट के साथ रिलेशनशिप में रहने के चलते सुर्खियों में आए थे। साल 2006 में उनकी पत्नी ने उन्हें उनकी स्टूडेंट जूली कुमारी के साथ रंगे हाथों पकड़ा था। इसके बाद मटुकनाथ की पत्नी ने उन्हें घर से भी बाहर निकाल दिया था। मटुकनाथ ने इसके बाद कबूल किया था कि वो अपनी स्टूडेंट से प्यार करते हैं। उनकी पत्नी ने उनपर घरेलु हिंसा के तहत केस दर्ज करा गुजारे भत्ते की डिमांड की थी। साल 2014 में निचली अदालत ने मटुकनाथ को पत्नी को 25,000 रुपये देने और बकाया राशि देने को कहा था।
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इस फैसले को उन्होंने पटना हाईकोर्ट में चैलेंज किया था लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। फिर मटुकनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी, जिसपर उच्चतम न्यायालय ने ये फैसला सुनाया है।
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