OTT प्लेटफॉर्म पर निगरानी: SC ने केंद्र से मांगा जवाब, कहा- 'उम्मीद है आप इस पर सीरियस हैं'
Supreme Court On OTT Platform: नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में इन प्लेटफॉर्म के कंटेट की निगरानी, प्रबंधन और नियंत्रण करने की मांग की गई है जिस पर सर्वोच्च अदालत ने भारत सरकार से जवाब देने को कहा है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय न्यायाधीशों की पीठ ने केंद्र से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इस शपथपत्र में सरकार को बताना है कि उसका ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के नियमन के बारे में क्या करने का प्रस्ताव है ? पीठ में मुख्य न्यायाधीश के साथ ही जस्टिस एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन भी थे।
ओटीटी
कंटेंट
की
निगरानी
की
मांग
कोर्ट
का
फैसला
शशांक
शेखर
झा
और
अपूर्वा
अढ़तिया
की
याचिका
पर
आया।
इस
याचिका
में
मांग
की
गई
थी
कि
नेटफ्लिक्स,
अमेजन
प्राइम,
हॉटस्टार
जैसे
अन्य
प्लेटफॉर्म
पर
सामग्री
के
लिए
नियामक
संस्था
की
मांग
की
गई
जिसकी
अध्यक्षता
एक
सचिव
स्तर
के
अधिकारी
करें।
साथ
ही
इस
निकाय
में
मूवी,
सिनेमैटोग्राफिक,
मीडिया,
रक्षा
बलों,
कानूनी
और
शिक्षा
सहित
विभिन्न
क्षेत्रों
के
सदस्य
हों।
याचिका
में
कहा
गया
है
कि
उनका
उद्येश्य
इन
प्लेटफॉर्मों
को
अभिव्यक्ति
की
स्वतंत्रता
का
दुरुपयोग
करने
से
रोकना
और
जीवन
के
संवैधानिक
अधिकार
की
रक्षा
करना
है।
कोर्ट
ने
कहा-
उम्मीद
है
आप
गंभीर
होंगे
भारत
सरकार,
सूचना
एवं
प्रसारण
मंत्रालय
और
इंटरनेट
और
मोबाइल
एसोसिएशन
ऑफ
इंडिया
के
खिलाफ
दायर
याचिका
पर
सुनवाई
करते
हुए
सुप्रीम
कोर्ट
ने
15
फरवरी
को
नोटिस
जारी
किया
है।
भारत
के
सॉलिसिटर
जनरल
तुषार
मेहता
ने
भारत
सरकार
का
पक्ष
रखते
हुए
कहा
कि
इसी
तरह
का
एक
और
मामला
कोर्ट
में
लंबित
है
और
दोनों
मैटर
जुड़े
हुए
हैं,
इसलिए
केंद्र
दोनों
को
लेकर
एक
ही
जवाब
दे
सकता
है।"
तीन सदस्यीय पीठ ने कहा "हम उम्मीद करते हैं आप इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं" जिस पर मेहता ने कोर्ट को बताया कि यह पहले से ही प्रक्रिया में है। वहीं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा "हम (केंद्र) किस सीमा तक नियमन कर सकते हैं, इस पर अभी भी विचार चल रहा है। इसके लिए क्या कानून जरूरी है, इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है।" इसके बाद कोर्ट ने केंद्र पहले शपथपत्र देने को कहा है कि उनका इस बारे में क्या करने का इरादा है ?
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