'मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में 'Best Man' चुना जाना चाहिए', चुनाव आयोग पर सुप्रीम कोर्ट की 10 बड़ी बातें
'मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में 'Best Man' चुना जाना चाहिए', चुनाव आयोग पर सुप्रीम कोर्ट की 10 बड़ी बातें
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाई है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को लेकर तल्ख टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सभी सरकारों ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संविधान ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के कंधों पर भारी शक्तियां निहित की हैं, इसलिए ये बहुत जरूरी हो जाता है कि मजबूत चरित्र वाले व्यक्ति को ही इस पद पर नियुक्त किया जाना चाहिए। आइए जानें सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग पर क्या-क्या कहा?
'जमीनी स्थिति बहुत ही खतरनाक है...'
1. सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति प्रक्रिया वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ''जमीनी स्थिति बहुत ही खतरनाक'' है। चुनाव आयोग को दिवंगत टी एन शेषन जैसा सीईसी की जरूरत है, जिन्हें 1990 से 1996 तक चुनाव आयोग के प्रमुख के रूप में महत्वपूर्ण चुनावी सुधार करने के लिए जाना जाता है।
2. चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रणाली में सुधार की मांग वाली याचिका पर न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सुनवाई की। इसमें जस्टिस अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार शामिल हैं।
3. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमारी बेंच पीठ का प्रयास एक ऐसी प्रणाली को स्थापित करना है, जिसमें "सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति" को सीईसी के रूप में चुना जा सके।
'संविधान की चुप्पी का सभी राजनीतिक दलों ने फायदा उठाया है...'
4. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों (ईसी) को कैसे चुना जाए, इसपर संविधान की चुप्पी का सभी राजनीतिक दलों द्वारा फायदा उठाया गया है और शोषण किया गया है।
5. सुप्रीम कोर्ट ने कहा. ''अब तक हमारे पर कई सीईसी रहे हैं। लेकिन टी एन शेषन जैसे कभी-कभार ही कोई बनता है...इसलिए हम नहीं चाहते हैं कि कोई भी उन्हें ध्वस्त करे। तीन लोगों, जिसमें सीईसी और दो चुनाव आयुक्तों के नाजुक कंधों पर बड़ी शक्ति निहित है। इसलिए हमें सीईसी के पद के लिए सबसे बेस्ट व्यक्ति की तलाश करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लेकर क्या कहा?
6. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी पेश हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने आर वेंकटरमणी से कहा, ''इसलिए ये बहुत अहम हो जाता है कि हम काफी अच्छी प्रक्रिया अपनाएं। ताकि सक्षमता के अलावा मजबूत चरित्र वाले व्यक्ति को सीईसी के रूप में नियुक्त किया जा सके।''
7.सुप्रीम कोर्ट का जवाब देते हुए अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा, केंद्र सरकार योग्य व्यक्ति की नियुक्ति का विरोध नहीं कर रही है। लेकिन हम सबके सामने सवाल ये है कि आखिर ये होगा कैसे। संविधान में कोई भी रिक्तता नहीं है। फिलहाल चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर की जाती है।
'इससे सिर्फ जुमलेबाजी साबित होती है...'
8. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, ''इससे सिर्फ जुमलेबाजी साबित होती है। इसे पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। कोई भी इससे सवाल नहीं करता है। संविधान की चुप्पी का पूरा फायदा उठाया जाता है। इनकी नियुक्ति में ना तो कोई कानून है और ना ही कोई रोकने वाला है। हर किसी ने इसके इस्तेमाल किया है।''
9.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र संविधान की एक मात्र बुनियादी ढांचा है। इसपर कोई भी बहस नहीं की जा सकती है। हम संसद को कुछ भी करने या एक्शन लेने के लिए नहीं कह सकते हैं। हम ऐसा नहीं करेंगे। हम सिर्फ उस मुद्दे के लिए कुछ करना चाहते हैं, जो 1990 से उठाया जा रहा है।''
10. सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी केंद्र द्वारा सीईसी और ईसी के चयन के लिए कॉलेजियम जैसी प्रणाली की मांग करने वाली दलीलों के बाद दिया है। हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि इस तरह के किसी भी कोशिश से संविधान में संशोधन करना होगा।