मास्क, हैंड सैनिटाइजर की काला बाजारी को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को नोटिस
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मास्क, हैंड सैनिटाइजर जैसी चीजों की कालाबाजारी रोकने के निर्देश देने का आग्रह करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोरोना संकट के बीच मास्क, सैनिटाइजर्स और पीपीई की कथित ब्लैक मार्केटिंग को लेकर दाखिल याचिका पर जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस अब्दुल नजीर की बेंच ने केंद्र सरकार से छह अप्रैल तक जवाब मांगा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आज सीएएससी की उस याचिका को भी दो हफ्ते के लिए टाल दिया है, जिसमें आर्टिकल 360 के अंतर्गत देश में फाइनेंशियल इमरजेंसी लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए मास्क, हैंड सैनिटाइजर और पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट जैसी आवश्यक मेडिकल वस्तुओं की ब्लैक मार्केटिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए मंगलवार को ये जनहित याचिकादायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि वर्तमान संकट के माहौल में केमिस्ट और अन्य व्यक्तियों के लिए खुला हो गया है कि वे मास्क, हैंड सैनिटाइजर और तरल साबुन के व्यापार में समाज का नुकसान कर सकें और जिससे देश के नागरिकों को और संकट हो।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि आवश्यक चिकित्सा वस्तुओं के उचित और न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करने के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, जो बड़े पैमाने पर जनता के लिए उपलब्ध हों। याचिका में उपभोक्ता मामलों के विभाग की 21 मार्च, 2020 को जारी अधिसूचना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स (विशेष कार्य बल) के गठन की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि उपभोक्ता मामलों के विभाग ने मास्क की कीमतों को निर्धारित किया गया है लेकिन चिकित्सा पेशेवर और केमिस्ट को इन आवश्यक वस्तुओं की बिक्री में अधिसूचना में दिए गए निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं।
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