आधार डेटा को लेकर किए गए संशोधन के खिलाफ SC में याचिका, कोर्ट ने मांगा केंद्र और UIDAI से जवाब
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( यूआईडीएआई) को हाल में किए गए संशोधनों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट में प्राइवेट कंपनियों को प्रमाणीकरण के लिए आधार डेटा के एक्सेस की अनुमति देने वाले संशोधन के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिसपर कोर्ट ने यूआईडीएआई और केंद्र से जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सीजेआई एसए बोबडे और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और यूआईडीएआई को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। एसजी वोम्बाकेरे द्वारा ये याचिका दायर की गई थी जिसमें संशोधनों के संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी। याचिका के मुताबिक, संशोधन के जरिए निजी संस्थाओं को ग्राहक के स्वैच्छिक प्रमाणीकरण के लिए आधार डेटा का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई।
याचिकाकर्ता का कहना है कि आधार अधिनियम में 2019 संशोधन सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लघंन करता है। इसके पहले, 26 सितंबर 2018 को जरूरी सेवाओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने के फैसले को चुनौती देने वाली गोपाल सुब्रमण्यम का याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने आधार को पूरी तरह वैध ठहराया था।
पुडुचेरी के CM नायारणस्वामी ने कहा-ट्रांसजेंडर स्टेट घोषित कर दे केंद्र सरकार, हम न इधर के न उधर के
अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार के लिए किसी भी शख्स की निजता की सुरक्षा करना जरूरी है, इसके यह भी आवश्यक है कि उसकी कम से कम जानकारी मांगी ही जाए। UIDAI नंबर यूनिक है और इसका इस्तेमाल किसी अन्य व्यक्ति के लिए नहीं किया जा सकता है। जितनी जल्द हो सके सरकार इसके लिए मजबूत डेटा संरक्षण कानून लाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आधार UGC, CBSE और NEET परीक्षाओं के लिए अनिवार्य नहीं होगा।