सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की संवैधानिक पीठ 6 फरवरी को करेगी सबरीमाला केस की सुनवाई
नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर केस में सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की नौ जजों की संवैधानिक पीठ गुरुवार (6 फरवरी) को सुनवाई करेगी। इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 6 फरवरी की तारीख दी है। सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय संविधान पीठ केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश, बोहरा मुस्लिम महिलाओं का खतना, गैर-पारसी पुरूषों से शादी कर चुकी पारसी महिलाओं के पवित्र अग्नि स्थल में प्रवेश पर रोक से संबंधित मुद्दों पर सुनवाई कर रही है।
Recommended Video
इस संविधान पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस एसए बोबड़े कर रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश के अलावा, पीठ में न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति एम एम शंतनगौदार, न्यायमूर्ति एस ए नजीर, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्याकांत शामिल हैं।
अदालत ने 13 जनवरी को चार वरिष्ठ वकीलों से कहा था कि वे इस विषय में चर्चा किए जाने वाले मुद्दों पर फैसले के लिए एक बैठक आयोजित करें। मामले की पिछली सुनवाई में संविधान पीठ ने साफ कर दिया था कि वह 14 नवंबर को दिए गए समीक्षा आदेश के सवालों पर ही सुनवाई करेगी। पिछले साल 14 नवंबर को वृहद पीठ के पास इस मामले को भेजते हुए पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि उपासना स्थल पर महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी जैसे धार्मि रिवाजों की संवैधानिक वैधता पर बहस सिर्फ सबरीमला तक सीमित नहीं है।
पीठ ने कहा था कि ऐसी पाबंदियां मस्जिदों और दरगाहों में महिलाओं के प्रवेश, गैर पारसियों से शादी करने वाली पारसी महिलाओं के पवित्र अग्नि स्थल में प्रवेश को लेकर भी हैं। न्यायालय ने वृहद पीठ द्वारा पड़ताल के लिए कानून के सात प्रश्न तय किए। उल्लेखनीय है कि शीर्ष न्यायालय ने सितंबर,2018 को केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत दी थी।
जामिया के बाहर फायरिंग पर बोले अधीर रंजन चौधरी, सत्तापक्ष के इशारे पर हो रहे हमले