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जस्टिस चंद्रचूड़ बोले- असहमति को 'देश विरोधी' कहना लोकतंत्र पर चोट

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने शांतिपूर्वक चलने वाले विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए शनिवार को कहा कि, असहमति को एक सिरे से राष्ट्र-विरोधी और लोकतंत्र-विरोधी बता देना लोकतंत्र पर हमला है। असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है। उन्होंने कहा कि विचारों को दबाना देश की अंतरात्मा को दबाना है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) को लेकर देश के कई हिस्सों में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

Supreme Court Judge DY Chandrachud Warns Against Labelling Dissent As Anti National

अहमदाबाद में गुजरात हाई कोर्ट के ऑडिटोरियम में 15वें पी. डी. मेमोरियल व्याख्यान में बोलते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि, असहमति पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल जनता में डर की भावना पैदा करता है जो कानून के शासन का उल्लंघन करता है। बहुलवादी समाज की संवैधानिक दूरदृष्टि से भटकाता है। उन्होंने कहा कि सवाल करने की गुंजाइश को खत्म करना और असहमति को दबाना सभी तरह की प्रगति- राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक की बुनियाद को नष्ट करता है। इस मायने में असहमति लोकतंत्र का एक 'सेफ्टी वॉल्व' है।

उन्होंने कहा, 'असहमति को एक सिरे से राष्ट्र-विरोधी और लोकतंत्र-विरोधी करार देना संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण एवं विचार-विमर्श करने वाले लोकतंत्र को बढ़ावा देने के प्रति देश की प्रतिबद्धता की मूल भावना पर चोट करती है। उन्होंने कहा कि असहमति का संरक्षण करना इस बात की याद दिलाता है कि लोकतांत्रिक रूप से एक निर्वाचित सरकार हमें विकास और सामाजिक समन्वय के लिए एक सही टूल देती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार उन मूल्यों और पहचानों पर कभी एकाधिकार का दावा नहीं कर सकती जो हमारी बहुलवादी समाज को परिभाषित करती हैं।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि विचार-विमर्श वाले संवाद का संरक्षण करने की प्रतिबद्धता प्रत्येक लोकतंत्र का, खासतौर पर किसी सफल लोकतंत्र का एक अनिवार्य पहलू है। उन्होंने कहा कि कारण एवं चर्चा के आदर्शों से जुड़ा लोकतंत्र यह सुनिश्चित करता है कि अल्पसंख्यकों के विचारों का गला नहीं घोंटा जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर नतीजा सिर्फ संख्याबल का परिणाम नहीं होगा, बल्कि एक साझा आमराय होगा।

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English summary
Supreme Court Judge DY Chandrachud Warns Against Labelling Dissent As Anti National
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