नागरिकता संशोधन कानून पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, केंद्र को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के जामिया और सीलमपुर समेत कई जगहों पर इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया। नागरिकता संशोधन कानून, 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 59 याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
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वहीं याचिका दायर करने वाले वकीलों की मांग है कि तबतक नागरिकता संशोधन एक्ट पर स्टे लगा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 22 जनवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि एक्ट पर स्टे लगाने के लिए जो दलील दी जा रही है, वह एक्ट को चैलेंज करने के समान है। ऐसे में एक्ट पर किसी तरह का स्टे ना लगाया जाए।
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, त्रिपुरा के शाही परिवार के सदस्य प्रद्योत किशोर देब बर्मन, असदुद्दीन ओवैसी, महुआ मोइत्रा, पीस पार्टी, एम एल शर्मा समेत कई याचिकाकर्ता शामिल हैं। SC में कुल 59 याचिकां CAA के खिलाफ लंबित हैं। याचिकाकर्ताओं ने नागरिकता संशोधन एक्ट को असंवैधानिक करार दिया है। तर्क दिया गया है कि ये कानून संविधान के आर्टिकल 14, 21, 25 का उल्लंघन करता है। इसके साथ ही भारत की मूल भावना का भी उल्लंघन करता है।