दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी नहीं, दी है 730 एमटी ऑक्सीजन: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र
दिल्ली में ऑक्सीजन की अब कोई कमी नहीं: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र
नई दिल्ली, 6 मई: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में फिलहाल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। दिल्ली के अस्पतालों को केंद्र की ओर से ऑक्सीजन सप्लाई से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को केंद्र की ओर से सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि दिल्ली को 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है और वर्तमान में दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार है। केंद्र ने राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर अपना विस्तृत प्लान भी सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दिया है।
कोरोना संकट के बीच देश में इलाज ना मिलने और ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सरकार के तौर तरीकों से नाराजगी जाहिर की थी। सुप्रीम कोर्च ने राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई पर केंद्र से जवाब मांगा था और कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि दिल्ली को सोमवार तक 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की जाए। साथ ही केंद्र से राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर प्लान मांगा था। जिसके बाद आज केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इन मुद्दों पर जवाब दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि दिल्ली को बीते दिन 700 एमटी ऑक्सीजन दी गई है, उससे पहले भी दिल्ली को 585 एमटी ऑक्सीजन दी गई थी। उन्होंने कहा कि इससे पहले दिल्ली को ऑक्सीजन देने में टैंकर्स की वजह से देरी हुई थी। तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि दिल्ली के अलावा कई अन्य राज्य भी हैं, जहां पर ऑक्सीजन की मांग बढ़ रही है। राजस्थान, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य भी अपने अस्पताल की मांगों को पूरा करने के लिए अधिक ऑक्सीजन की मांग कर रहे हैं।
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कोर्ट ने सुनवाई के दौरान क्या कहा
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने केंद्र को कहा कि पूरे भारत में कैसे सभी अस्पतालों तक ऑक्सीजन आपूर्ति ठीक से हो, ये आपको देखना होगा। साथ ही ऑक्सीजन ऑडिट पर भी गौर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आपको आपूर्ति में लगातार वृद्धि करनी चाहिए, ये सुनिश्चित करें कि दिल्ली को 700 एमटी ऑक्सीजन मिले। जस्टिस चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि आज स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा रही है। वर्तमान में स्वास्थ्य पेशेवर पूरी तरह से थकान में हैं, इस सबके बीच आप बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं कैसे सुनिश्चित करेंगे, ये भी सवाल है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से ये भी कहा कि अगर आप (केंद्र) पॉलिसी बनाने में कोई गलती करते हैं, तो आपको इसके लिए जिम्मेदार और जवाबदेह ठहराया जाएगा।