राफेल डील: सरकार ने याचिका खारिज करने की मांग की, 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई
नई दिल्ली। राफेल मामले में दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। इस मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अदालत को बताया कि कुछ दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए थे और याचिकाकर्ता उनका इस्तेमाल करके आधिकारिक गोपनीयता कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। केके वेणुगोपाल ने कहा कि ये गोपनीय दस्तावेज हैं और इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। इस मामले में 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई होगी।
पूरक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया
सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में नए दस्तावेज पेश करते हुए कहा था कि उन्होंने पूरक दस्तावेज दिए हैं। इसपर सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया और कहा कि उन्होंने वो सब पढ़ा है जो वे दे रहे हैं। इस मामले में अदालत अब किसी नए दस्तावेज पर सुनवाई नहीं करेगी।
ये भी पढ़ें: अयोध्या केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जो बाबर ने किया वो ठीक नहीं कर सकते
केके वेणुगोपाल ने याचिका खारिज करने की मांग की
केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि जिन दस्तावेजों का वकील प्रशांत भूषण हवाला दे रहे हैं, वे रक्षा मंत्रालय से चुराए गए हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय से चोरी हुए दस्तावेज का मामला इतना गंभीर है कि उन्हें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत अभियोजन का सामना करना पड़ेगा। एजी ने कहा कि राफेल सौदे से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने वाला सरकारी गोपनीयता कानून के तहत और कोर्ट की अवमानना का दोषी है।
दस्तावेजों के चोरी होने पर सरकार की तरफ से क्या कार्रवाई की गई - SC
केके वेणुगोपाल ने कहा कि राफेल पर 'द हिंदू' की आज की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को प्रभावित करने के बराबर है जो अपने आप में ही अदालत की अवमानना है।केके वेणुगोपाल ने कहा कि अगर अब सीबीआई जांच का निर्देश दिया जाता है, तो देश को भारी नुकसान होगा। दस्तावेजों के चोरी होने पर सरकार की तरफ से क्या कार्रवाई की गई है, चीफ जस्टिस ने इसपर जवाब मांगा है।
कागजात सार्वजनिक करना गोपनीयता कानून का उल्लंघन- एजी
केंद्र की तरफ से एजी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हम लोग जांच कर रहे हैं कि कागजातों की चोरी कैसे हुई? साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यहां आरटीआई एक्ट लागू नहीं होता, ये कागजात गोपनीय बताए गए थे, लेकिन इन्हें सार्वजनिक कर दिया गया। ये गोपनीयता कानून का उल्लंघन है। एजी की दलीलों पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि प्रशांत भूषण को सुनने का यह मतलब ये नहीं है कि अदालत राफेल सौदे के दस्तावेजों को रिकॉर्ड में ले रही है।
आप नेता संजय सिंह को झटका
केके वेणुगोपाल ने कहा कि अखबार को उनका सोर्स बताना चाहिए और इस याचिका को रद्द करना चाहिए क्योंकि ये चोरी किए गए कागजों पर आधारित है। इसपर जस्टिस जोसेफ ने कहा कि क्या आप कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार की जांच सिर्फ इसलिए ना हो कि सोर्स असंवैधानिक है। वहीं, राफेल पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता संजय सिंह पर सख्त टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आप नेता संजय सिंह की दलीलें नहीं सुनेंगे। संजय सिंह की टिप्पणियां अपमानजनक हैं। उनकी टिप्पणियों पर कार्रवाई की जाएगी।
ये भी पढ़ें: क्या मध्यस्थता से सुलझेगा अयोध्या विवाद? आज आ सकता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया कि जो जानकारी इस डील को लेकर सरकार की ओर से अदालत में दी गई थी, वो गलत हैं। ऐसे में इस पर फिर से विचार हो, साथ ही उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो जिन्होंने अदालत को गलत दस्तावेज देकर गुमराह करने का काम किया है।