सुप्रीम कोर्ट से टेलीकॉम कंपनियों को राहत, एजीआर बकाया चुकाने को मिला 10 साल का समय
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) बकाया चुकाने के लिए दस साल का समय दिया है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से ये बड़ी राहत है। खासतौर से वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के लिए ये फैसला राहत भरा है।
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वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए 15 साल का समय मांगा था। कोर्ट ने दस साल का समय दिया है। 15 टेलीकॉम कंपनियों ने एजीआर के 30,254 करोड़ रुपए चुकाये हैं, जबकि कुल बकाया 1.69 लाख करोड़ रुपए का है।
इससे पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व यानी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया था है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो तीन पहलुओं पर फैसला सुनाएगा। पहला- केंद्र की याचिका जिसमें एजीआर के भुगतान के लिए 15 और 20 साल देने की मांग की गई है, दूसरा क्या स्पेक्ट्रम (या स्पेक्ट्रम का उपयोग करने का अधिकार) आईबीसी के तहत हस्तांतरित, सौंपा या बेचा जा सकता है, तीसरा क्या आरकॉम का स्पैक्ट्रम इस्तेमाल करने पर जियो और वीडियोकॉन और एयरसेल का स्पैक्ट्रम इस्तेमाल करने पर एयरटेल उनकी देयता के आधार पर अतिरिक्त देयता के तहत आएंगे?
बता दें कि ग्रॉस रेवेन्यू वो लाइसेंसिंग फीस है, जो टेलीकॉम कंपनियों को संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग को देनी होती है। एजीआर के दो हिस्से होते हैं- स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस।