सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन के लिए SC ने केंद्र को दिया एक महीने का समय
नई दिल्ली। सेना में सभी सेवारत एसएससी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के अपने फैसले को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को एक महीने का समय और दे दिया है। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने रक्षा मंत्रालय से कहा कि सेना में महिला अफसरों को स्थायी कमीशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूर्ण अनुपालन एक महीने में सुनिश्चित किया जाए।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से बाला सुब्रमण्यम ने अदालत से कहा कि फैसला लिए जाने का काम आखिरी चरण में है। औपचारिक आदेश कभी भी आ सकता है लेकिन कोरोना को देखते हुए और वक्त दिया जाना चाहिए। अदालत सरकार को इसके लिए 6 महीने का वक्त दे। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण दफ्तर बंद रहे और कर्मचारियों की उपस्थिति कम रही इसलिए कोर्ट के दिए गए तीन महीने में इसे लागू नहीं किया जा सका। महिला अफसरों की ओर से पेश वकील मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अगर कोर्ट को लगता है और वक्त दिया जाना चाहिए तो फिर अदालत इसकी निगरानी करे। कोर्ट ने सरकार की छह महीने की मांग को नहीं माना और एक महीने का वक्त और दिया।
आर्मी में महिलाओं को स्थायी कमीशन को लेकर कई सालों तक कोर्ट में केस चलने के बाद इस साल फरवरी में थलसेना में महिलाओं को बराबरी का हक मिलने का रास्ता साफ हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि सभी महिला अफसर जो इस विकल्प को चुनती हैं उन्हें तीन महीने के अंदर आर्मी में स्थाई कमीशन दिया जाए। अभी तक आर्मी में 14 साल तक शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) में सेवा दे चुके पुरुषों को ही स्थाई कमीशन का विकल्प मिलता है। दूसरी ओर वायुसेना और नौसेना में महिला अफसरों को स्थाई कमीशन मिल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अभी तक ये लागू नहीं हो सका है। अब एक महीने का वक्त सरकार को और दिया गया है।
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