40 मिलियन डॉलर ट्रांसफर मामले में विजय माल्या की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कारोबारी विजय माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अदालत की अवमानना मामले में 2017 में सुनाए गए आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था। ये मामला विजय माल्या के कोर्ट के एक आदेश को ना मानते हुए 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर अपने बच्चों के नाम ट्रांसफर करने से जुड़ा है।
2017 में कोर्ट ने विजय माल्या को कोर्ट की अवमानना मामले का दोषी करार दिया था। विजय माल्या ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों के खाते में 4 करोड़ यूएस डॉलर ट्रांसफर किए थे। माल्या ने सुप्रीम कोर्ट के नौ मई 2017 के इस आदेश पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की थी। 27 अगस्त को न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने मामले में दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि विजय माल्या के खिलाफ दो बड़े आरोप हैं। इसमें पहला आरोप है कि माल्या ने अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं किया और दूसरा संपत्तियों को गलत तरीके से छिपाने की कोशिश की। इस मामले में आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने 2017 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह की याचिका पर वह आदेश दिया था। याचिका में कहा गया था कि माल्या ने कथित रूप से विभिन्न न्यायिक आदेशों का 'खुलेआम उल्लंघन' कर ब्रिटिश कंपनी डियाजियो से प्राप्त चार करोड़ अमेरिकी डॉलर अपने बच्चों के खातों में स्थानांतरित किए थे।
विजय माल्या 9,000 करोड़ रुपये के बैंक लोन डिफॉल्ट मामले का आरोपी है। माल्या 2 मार्च, 2016 को भारत से से लंदन चला गया था। ब्रिटेन की पुलिस स्कॉटलैंड यार्ड ने उसे 18 अप्रैल, 2017 को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, लंदन की अदालत ने उसे कुछ ही घंटों में जमानत पर रिहा कर दिया।
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