पूर्व CJI रंजन गोगोई के खिलाफ जांच की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ जांच की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। याचिका में पूर्व मुख्य न्यायाधीश और इस समय राज्यसभा के सांसद रंजन गोगोई के खिलाफ जज के तौर पर अपने अधिकार का दुरुपयोग करने के आरोप लगााए गए थे और इसकी जांच की मांग की गई थी। 2018 में ये याचिका दाखिल की गई थी, जिसे शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया है।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि रंजन गोगोई अब जज नहीं हैं। उनको रिटायर हो जाने के बाद अब इस अर्जी का कोई मतलब नहीं रह गया है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि ये सही है उसने 2018 में याचिका दायर की थी लेकिन दर्जनों बार रिमांइडर लेटर लिखने के बाद भी उसकी याचिका को सूचीबद्ध नहीं किया गया। अब दो साल बाद उस पर सुनवाई हुई और कहा जा रहा है कि अब रंजन गोगोई रिटायर हो चुके हैं।
याचिका में पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की न्यायाधीशों की एक समिति से इनहाउस जांच की मांग की गई थी। इसमें कहा गया था कि जुलाई 2016 में रंजन गोगोई ने एक एक्स पार्टी ऑर्डर जारी करनने में गलत तरीके से पद का इस्तेमाल किया था। रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट से चीफ जस्टिस के तौर पर 3 अक्टूबर, 2018 को शपथ ली खी। वह भारत के 46 वें मुख्य न्यायधीश रहे। नवंबर, 2019 में भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद से वह रिटायर हो गए। बता दें कि न्यायाधीश और सीजेआई के रूप में उन पर कई तरह के आरोप लगे। उन पर यौन उत्पीड़न के भी गंभीर आरप लगाए गए। चीफ जस्टिस के पद से रिटायर होने के बाद रंजन गोगोई को सरकार ने राज्यसभा में भेजा। इसको लेकर भी विपक्षी दलों और कई पूर्व जजों ने उनपर सवाल उठाए थे।