नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अंतरिम सीबीआई निदेशक के रूप में एम नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस विनीत शरण की बेंच ने कहा कि इस मामले में और दखलअंदाजी की जरूरत नहीं है क्योंकि सीबीआई के फुल टाइम डायरेक्टर की नियुक्ति हो गई है।नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से दायर की गई इस याचिका में कहा गया था कि इस नियुक्ति के लिए हाई पॉवर कमेटी की मंजरी नहीं ली गई जो कि DSPE एक्ट का उल्लंघन है। ऐसे में नियुक्ति रद्द होनी चाहिए। इसके साथ-साथ याचिका में कहा गया कि 23 अक्टूबर को नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त किये जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट 8 जनवरी को रद्द कर चुका है, इसके बावजूद सरकार ने मनमाने और गैर कानूनी तरीके से फिर से अंतरिम निदेशक बना दिया।
इसके पहले की सुनवाई के दौरान, केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीआई निदेशक को उचित तरीके से नियुक्त किया गया था। वहीं कॉमन कॉज की ओर से दलील देते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि याचिका में सीबीआी निदेशक की भविष्य की नियुक्ति के लिए पारदर्शिता की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि नीति और नियुक्ति के मापदंड की जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए।
याचिकाकर्ता की ओर से सीबीआई निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरटीआई कानून में चयन प्रक्रिया के प्रावधान हैं। अदालत ने कहा था कि उन्हें इसके लिए एक आरटीआई आवदेन दायर करना चाहिए और यदि कोई सूचना देने से इनकार करता है तो वे अपील कर सकते हैं।