Medical College Admission Scam: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका, कहा- हम कानून से ऊपर नहीं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वकील कामिनी जयसवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें मेडिकल कॉलेज एडमिशन स्कैम के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम से जांच कराने की मांग की गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि मेडिकल कॉलेजों से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए थे, जिसमें एक सेवानिवृत्त उड़ीसा हाईकोर्ट के न्यायाधीश इशरत मस्सर कद्दूसी आरोपी हैं। एक्टिविस्ट वकील जिन्होंने एसआईटी जांच के लिए कड़ा दबाव डाला, सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से सवाल का सामना करना पड़ा जिसमें कहा गया कि वे "फोरम शॉपिंग" और "अनौपचारिकता" में शामिल थे। जस्टिस आरके अग्रवाल, अरुण मिश्रा और ए.एम. खानविलकर समेत तीन न्यायाधीशों की बेंच ने सोमवार को 90 मिनट की सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित कर दिया जिसमें वरिष्ठ वकील शांतिभूषण और वकील प्रशांत भूषण सहित वकील कामिनी जायसवाल और उनके वकील दो याचिकाएं दाखिल करने के लिए पूछे गए।
वहीं आज मेडिकल कॉलेज प्रवेश घोटाला मामले में एसआईटी जांच के लिए याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, "हम कानून से ऊपर नहीं हैं लेकिन उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। न्यायिक आदेश द्वारा किसी न्यायाधीश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती है।" इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जजों के घूस लेने के मामले में सुनवाई के दौरान हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था।
दरअसल, जस्टिस चेलमेश्वर की दो जजो वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई के लिए संवैधानिक पीठ के गठन आदेश दिया था। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने इस आदेश को रद्द करते हुए कहा कि दो जजों की बेंच संवैधानिक पीठ बनाने का आदेश नहीं दे सकती। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद वकील प्रशांत भूषण और अन्य जजों के बीच तीखी नोंक झोक देखने को मिली।