भीमा कोरेगांव मामला: SC ने पांचों लोगों को घर में नजरबंद करने के दिए आदेश, रिमांड देने से इंकार
नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव मामले में नक्सल कनेक्शन के आरोप में गिरफ्तार किए गए पांचों कार्यकार्ताओं की गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए नजरबंद रखने की आदेश दिया है। कोर्ट के इस आदेश को पुणे पुलिस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि, हिरासत लिए गए पांचों लोगों को रिमांड पर नहीं लिया जाएगा।
कोर्ट ने पांचों कार्यकर्ताओं को उनके घर में 5 सितंबर तक नजरबंद करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में पुणे पुलिस से मंगलवार तक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। वहीं कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा' असहमति का होना किसी भी लोकतंत्र के लिए सेफ्टी वॉल्व है। अगर असहमति की अनुमति नहीं होगी तो प्रेशर कूकर की तरह फट भी सकता है।'
इस मामले में प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि, मानवाधिकार के लिए काम करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। बता दें कि, भीमा-कोरेगांव मामले के सिलसिले में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इनकी तरफ से सीनियर ऐडवोकेट और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश हुए।
इन लोगों ने अपनी याचिका में कार्यकर्ताओं की रिहाई का अनुरोध किया था इसके अलावा, इन गिरफ्तारियों के मामले की स्वतंत्र जांच कराने का भी अनुरोध किया। कोर्ट ने इस मामले में पुणे पुलिस को मंगलवार तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
इस मामले में पुणे पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। पुलिस ने आरोप लगाया कि आरोपियों के प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी से संबंध हैं। ये सभी पांचों लोग नक्सलियों से सहनभूति रखते हैं। गिरफ्तार किए गए पांचों लोगों का पांच संगठनों से संबंध है। पुलिस ने कहा कि, इन सभी लोगों की गिरफ्तारी की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी गई है।
बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे स्थित भीमा-कोरेगांव में इस साल की शुरुआत में भड़की हिंसा के मामले में पुणे पुलिस ने कई शहरों में एक साथ छापेमारी कर कवि और वामपंथी बुद्धिजीवी वरवर राव, फरीदाबाद से सुधा भारद्वाज और दिल्ली से गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया है। वहीं ठाणे से अरुण फरेरा और गोवा से बर्नन गोनसालविस को हिरासत में लिया गया है।
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