सुप्रीम कोर्ट का राज्यों को निर्दश, सेक्स वर्करों को मुहैया कराएं राशन
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वो सेक्स वर्करों को राशन मुहैया कराएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकारें ये सुनिश्चित करें कि सेक्स वर्करों तक सस्ते दामों पर सूखा राशन पहुंचे। अदालत ने ये भी कहा कि राशन देने के लिए सरकारी एजेंसी की ओर से पहचान पत्र के लिए जोर नहीं डाला जाना चाहिए। एक जनहित याचिका पर कोर्ट ने ये निर्देश जारी किए हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी सेक्सकर्मियों को सूखा राशन देने का निर्देश दिया जाता है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन और जिला कानूनी अधिकारी ने जिन सेक्स वर्कर की पहचान की है। उनको राशन कार्ड या किसी अन्य पहचान प्रमाण पर जोर दिए बिना इनको राशन दिया जाए। कोर्ट ने इस दौरान कोरोना महामारी के बाद सेक्सकर्मियों की स्थिति को लेकर भी चिंता जताई। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, वे गंभीर संकट में हैं,। अधिकारी सेक्स वर्करों को राहत देने के लिए ऐसे कदम उठाने पर विचार कर सकते हैं, जो ट्रांसजेंडर समुदाय की मदद के लिए उठाए गए हैं।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सहमति जतायी है कि राज्यों में सेक्स वर्कर्स को कम कीमतों यानी कि छूट पर राशन मुहैया कराया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि जिस तरह उसने ट्रांसजेंडरों को 1500 रुपए की आर्थिक सहायता मुहैया कराई है क्या उसी तर्ज पर क्या सेक्स वर्करों को भी ये आर्थिक सहायता दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल पर केंद्र के वकील ने कहा कि वह इस पर सरकार से निर्देश लेकर अदालत को सूचित करेंगे।