आम्रपाली के 42000 खरीदारों को बड़ी राहत, SC ने एनबीसीसी को दिया अधूरे प्रोजेक्ट्स पूरा करने का आदेश
नई दिल्ली। देश के नामी बिल्डर्स में शुमार आम्रपाली के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि इस ग्रुप की कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाएं क्योंकि उन्होंने ग्राहकों से धोखाधड़ी कर उनके पैसे को डायवर्ट किया। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया कि एजेंसी आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच करे। वहीं, कोर्ट के आज के आदेश के बाद करीब 42 हजार से अधिक ग्राहकों के लिए राहत की खबर भी आई है।
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड को आदेश दिया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वह आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करे। हालांकि, एनबीसीसी इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पैसे कहां से जुटाएगा, इसका खुलासा नहीं किया गया है। जाहिर तौर पर पैसों के इंतजाम के बाद ही काम शुरू हो सकेगा। आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट की वजह से 42,000 से अधिक होम बायर्स परेशान है।
ग्रुप की कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ग्रुप ने फॉरेन एक्सजेंच मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) और एफडीआई के नियमों का उल्लंघन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश देते हुए कहा कि समय पर प्रोजेक्ट पूरे नहीं करने वाले बिल्डरों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। इसके पहले, 10 मई को मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
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कोर्ट के आदेश से 42 हजार खरीदारों को राहत
पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आम्रपाली समूह ने न तो किसी प्रोजेक्ट को पूरा किया और न ही उसमें धन लगाया। सुप्रीम कोर्ट ने इस संपत्तियों से बिल्डर को अलग करने पर विचार करने की बात कही थी और कहा था कि वह नोएडा और ग्रेटर नोएडा को यह कह सकते हैं कि आम्रपाली के अधूरे बचे प्रोजेक्ट को किसी और बिल्डर की मदद से पूरा करें और होम बायर्स को राहत देें।