नोबेल प्राइज़ के बाद कोर्ट ने दिया सत्यार्थी की पिटीशन पर ध्यान
नई दिल्ली। इंसान का कद बढ़े तो सब जी हुज़ूरी कर लेते हैं। कैलाश सत्यार्थी मीडिया के लिए कोई नया नाम नहीं है। लेकिन नोबेल पुरस्कार ने उनके अभियान को और गति प्रदान की है। क्योंकि सत्यार्थी द्वारा दायर याचिकाओं का निबटारा हो रहा है। ताज़ा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई है।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
बिहार
और
छत्तीसगढ़
के
आला
पुलिस
अधिकारियों
से
पूछा
कि
उन्होंने
बाल
तस्करी
में
गायब
हुए
बच्चों
में
से
कितनों
का
पता
लगाया।
इसके
साथ
ही
कोर्ट
ने
उन्हें
30
अक्टूबर
की
तारीख
मुकर्रर
की
है।
कोर्ट
ने
दोनों
राज्यों
के
चीफ
सेक्रटरी
से
यह
भी
पूछा
कि
अगर
उनके
बच्चे
गायब
होते
तो
भी
क्या
इसी
गति
से
पड़ताल
होती?
कैसा
लगेगा
अगर
आपके
बच्चे
गायब
हो
जाएं?
गौरतलब
है
कि
कैलाश
सत्यार्थी
के
बचपन
बचाओ
आंदोलन
द्वारा
किए
गए
एक
सर्वे
के
अनुसार
हर
छह
मिनट
पर
भारत
में
एक
बच्चा
गायब
हो
जाता
है