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राइट टू प्राइवेसी: आपकी निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा फैसला

दो अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। राइट टू प्राइवेसी यानि आपकी निजता का अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय संवैधानिक पीठ गुरुवार को अपना फैसला सुनाएगी जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस जे एस खेहर करेंगे। कोर्ट ये तय करेगी कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है या नहीं।

राइट टू प्राइवेसी: आपकी निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा फैसला

इससे पहले दो अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मसले पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि आज के डिजिटल युग में राइट टू प्राइवेसी जैसी कोई चीज नहीं बची है। एडिशनल सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि कोर्ट का काम कानून की व्याख्या करना है ना की कानून बनाना। चाहे कोर्ट राइट टू प्राइवेसी को मौलिक अधिकार बताए या नहीं लेकिन ऑनलाइन के जमाने में कुछ भी प्राइवेट नहीं रह गया है। राइट टू प्राइवेसी मामले में नौ जजों की संविधान पीठ ने सुनवाई की। UIDAI ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि प्राइवेसी एक कीमती अधिकार है।

आपको बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या सरकार के पास आधार के डेटा को प्रोटेक्ट करने के लिए कोई तरीका है? क्या केंद्र सरकार के पास डेटा प्रोटेक्ट करने के लिए ठोस सिस्टम है? सरकार के पास डेटा को संरक्षित करने लिए ठोस मैकेनिज्म होना चाहिए। हम जानते हैं कि सरकार कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार डेटा इकट्ठा कर रही है लेकिन यह भी सुनिश्चित हो कि डेटा सुरक्षित रहे।

एएसजी तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ये डेटा पूरी तरह प्रोटेक्टेड है ।गैर बीजेपी राज्यों के सुप्रीम कोर्ट आने के बाद महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है और उसने केंद्र सरकार का समर्थन किया है।राज्य सरकार ने कोर्ट में कहा कि प्राइवेसी एक मौलिक अधिकार नहीं है बल्कि एक धारणा है।प्राइवेसी की व्याख्या नहीं की जा सकती। यह कोई अलग से अधिकार नहीं है।

अगर सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार मान लिया और इसके पक्ष में फैसला सुनाया, तो एक अलग बेंच गठित की जाएगी, जो आधार कार्ड और सोशल मीडिया में दर्ज निजी जानकारियों के डेटा बैंक के बारे में फैसला लेगी. मतलब साफ है कि शीर्ष अदालत के इस फैसले का व्यापक असर होगा।

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English summary
Supreme Court to deliver verdict on thursday over right to privacy
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