महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर सभी प्रमुख सियासी दल बातचीत में जुटे हुए हैं। खास तौर से शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के बीच सरकार गठन को लेकर चर्चा लगभग फाइनल राउंड में हैं। जहां एक ओर प्रदेश में नई सरकार के गठन को लेकर शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर चर्चा चल रही है, इसी बीच इस गठबंधन के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। इस याचिका में चुनाव बाद हो रहे इस गठबंधन को सत्ता हासिल करने के लिये मतदाताओं से की गई धोखेबाजी घोषित करने की मांग की गई है। फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है।
याचिकाकर्ता ने कहा- 'एनडीए गठबंधन पर जताए गए भरोसे के साथ विश्वासघात'
याचिकाकर्ता प्रमोद पंडित जोशी ने शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली शिवसेना के रुख में बदलाव जो बदलाव आया है वो और कुछ और नहीं, बल्कि मतदाताओं के एनडीए गठबंधन पर जताए गए भरोसे के साथ विश्वासघात है। याचिका मे केंद्र सरकार और राज्य को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे चुनाव बाद बन रहे शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की तरफ से नियुक्त किए जाने वाले मुख्यमंत्री की नियुक्ति से बचें।
प्रमोद पंडित जोशी ने दायर की याचिका
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में नई सरकार के गठन में देरी और किसी भी दल को ओर से सरकार नहीं बनाए जाने पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी। राज्यपाल की रिपोर्ट के बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। राज्यपाल की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि कई बार प्रयास के बाद भी प्रदेश में मौजूदा स्थिति को देखते हुए स्थिर सरकार का गठन असंभव है।
क्या महाराष्ट्र में बनेगी शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार?
भले ही महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है, बावजूद इसके प्रदेश में सरकार गठन को लेकर सियासी घमासान थमता नहीं दिख रहा है। सभी प्रमुख सियासी दल अपने-अपने तरीके से सरकार बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं। तीनों दलों के नेताओं की अहम बैठक हुई जिसमें कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को तय किया गया और उसे केंद्रीय नेतृत्व के पास भेजा जा चुका है। अगर आलाकमान की ओर से इस कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को मंजूरी मिलती है तो महाराष्ट्र में जल्द ही नई सरकार का गठन तय माना जा रहा है।
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