सुप्रीम कोर्ट का इलेक्टोरल बॉन्ड पर तुरंत रोक लगाने से इनकार, चुनाव आयोग से मांगा जवाब
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए कहा कि फिलहाल चुनावी बॉन्ड पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने मसले पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। अदालत दो हफ्ते बाद इस पर फिर से सुनवाई करेगी।
चीफ जस्टिस शरद बोबडे ने सोमवार को मौखिक आदेश में कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने पहले चुनावी बॉन्ड स्कीम को रोकना अनावश्यक समझा था, तो कोर्ट अब भी इस स्कीम पर रोक नहीं लगा सकता है। चुनाव आयोग की तरफ से पेश हुए राकेश द्विवेदी ने इस मामले में जवाब देने के लिए कोर्ट से 4 हफ्ते का वक्त मांगा लेकिन सीजेआई बोबडे सिर्फ दो हफ्ते का वक्त दिया।
इससे पहले पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने सभी राजनैतिक दलों को आदेश दिया था कि वे चुनाव बांड के जरिये मिले चंदे और दानकर्ता का पूरा ब्योरा सील बंद लिफाफे में चुनाव आयोग को सौंपें। सुप्रीम कोर्ट ने एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की अर्जी पर सुनवाई करते हुए ये कहा है। एडीआर के अलावा सीपीएम और कई अन्य याचिकाओं में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम 2018 पर रोक लगाने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि हर चुनाव में सत्ताधारी पार्टी को बड़ी रकम चंदे में मिल रही, जिसके सोर्स के बारे में नहीं बताया जाता। भूषण ने अदालत में कहा कि एसबीआई और चुनाव आयोग ये कह चुका है कि हर चुनाव से पहले सरकार चुनावी बॉन्ड की योजना शुरु कर देती है। अब दिल्ली चुनाव से पहले भी सरकार इलेक्टोरल बॉन्ड ले कर आ गई। ऐसे में अदालत इस पर रोक लगाए।
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