अयोध्या पर फैसला सुनाने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से लिया था ये अहम वादा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अचानक निर्णय लिया कि वो शनिवार को अयोध्या पर अपना फैसला सुनाएगा, लेकिन इससे पहले यूपी सरकार से एक अहम वादा लिया।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को देश के सबसे चर्चित मामले अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला सुना दिया। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्मभूमि की विवादित जमीन का हक रामलला विराजमान को सौंपते हुए, केंद्र सरकार को आदेश दिया कि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही किसी अन्य जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए। राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर फैसले के चलते शनिवार का दिन पूरे देश, खासकर उत्तर प्रदेश के लिए काफी अहम था। सुप्रीम कोर्ट ने अचानक शुक्रवार को निर्णय लिया कि वो शनिवार को अयोध्या पर अपना फैसला सुनाएगा और इस निर्णय से पहले यूपी सरकार से एक अहम वादा लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से लिया ये वादा
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या पर फैसले से पहले और इसके बाद किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार थी। लोगों की सुरक्षा और समाज में सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए सरकारी अमला पिछले कई हफ्तों से बड़े पैमाने पर इसकी तैयारी कर रहा था। लेकिन, अचानक उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी से मुलाकात के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार सुबह अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने का निर्णय ले लिया। सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो सुरक्षा व्यवस्था के मुद्दे पर यूपी सरकार की तरफ से वादा मिलने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को इस मामले पर निर्णय सुनाने का फैसला किया।
कंट्रोल रूम में खुद पहुंचे सीएम योगी
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की तरफ से इशारा मिलने के तुरंत बाद, यूपी सरकार प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर युद्ध स्तर पर जुट गई। सीएम योगी ने फौरन लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों की एक वीडियो कांफ्रेंस मीटिंग बुलाई और हर संवेदनशील इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। संवेदनशील शहरों में हालात की निगरानी के लिए पुलिस के सीनियर अधिकारियों को खुद डटे रहने के निर्देश जारी किए गए। लखनऊ में डायल 112 के दफ्तर में एक केंद्रीय निगरानी कंट्रोल रूम पहले से ही बनाया जा चुका था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ठीक पहले सीएम योगी हालात का जायजा लेन के लिए खुद भी इस कंट्रोल रूम में पहुंचे।
72 लोग किए जा चुके हैं अभी तक गिरफ्तार
ग्राउंड पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के अलावा सोशल मीडिया की विशेष निगरानी के लिए कई टीमों का गठन किया गया। साथ ही यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की। अभी तक की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर अफवाहें और नफरत भरी पोस्ट डालने को लेकर 72 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गलत मैसेज फैलाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यूपी पुलिस की इसी कोशिश का नतीजा था कि शनिवार को हालात पूरी तरह नियंत्रण में रहे। शनिवार शाम को सीएम योगी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करने के साथ-साथ मीडिया को भी इस मामले पर सकारात्मक कवरेज के लिए धन्यवाद दिया।
तीन महीने के भीतर ट्रस्ट बनाएगी सरकार
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित जमीन का हक रामलला विराजमान को देते हुए केंद्र सरकार को मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही किसी और जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश भी दिया है। अयोध्या में रामजन्मभूमि की विवादित जमीन पर शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा भी दावेदार थे। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों की दावेदारी को खारिज कर दिया। हालांकि कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विवादित भूमि पर मंदिर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार तीन महीने के भीतर ट्रस्ट बनाए।
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