लोकपाल नियुक्ति पर SC ने सरकार को फटकारा, कहा जनादेश का अपमान कब तक?
मुख्य न्यायधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा इस सरकार को बने ढाई साल हो चुके हैं, जब तक ये सरकार है कोई भी नेता प्रतिपक्ष नहीं बन सकता तो क्या इस वजह से लोकपाल की नियुक्ति अटकी रहेगी ?
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा अभी तक लोकपाल की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है। आपको बता दें कि संसद द्वारा जनलोकपाल कानून जनवरी 2014 में ही पारित कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि अब तक लोकपाल कानून में संशोधन क्यों नहीं किया गया है ? क्यों सरकार संशोधन करने से अपने कदम क्यों पीछे खींच रही है?
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश तीरथ ठाकुर, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की तीन सदस्यी खंडपीठ के समझ केंद्र ने दलील दी कि विपक्ष के सबसे बड़े राजनीतिक दल के नेता को चयन समिति में शामिल करने के लिये संसद में संशोधन विधेयक लंबित है। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि कानून में संशोधन नहीं करके संसद लोकपाल की नियुक्ति के प्रावधान को निरर्थक नहीं कर सकती है।
मुख्य न्यायधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा इस सरकार को बने ढाई साल हो चुके हैं, जब तक ये सरकार है कोई भी नेता प्रतिपक्ष नहीं बन सकता तो क्या इस वजह से लोकपाल की नियुक्ति अटकी रहेगी ? हम ऐसा कैसे होने दे सकते हैं कि लोकपाल जैसी संस्था का कोई मतलब ही न हो। सरकार ने कहा कानून के मुताबिक लोकपाल की चयन कमेटी में विपक्ष का नेता होना जरूरी हैं, लेकिन दुर्भाग्य से अभी संसद में कोई विपक्ष का नेता ही नही हैं, लोकपाल एक्ट में संशोधन का वो बिल अभी संसद में लंबित हैं जिसके जरिये सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को भी लोकपाल चयन कमेटी का सदस्य बनाया जा सके।