farmers protest: चीफ जस्टिस बोबडे ने कमेटी के चयन का किया बचाव, बोले-बदली जा सकती है राय
नई दिल्ली। farmers protest updates, किसान आंदोलन(farmers protest) को लेकर बनाई गई सुप्रीम कोर्ट(supreme court) की चार सदस्यीय कमेटी से भारतीय किसान यूनियन (मान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद भूपिंदर सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया है। वहीं इस मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे( S A Bobde) ने मंगलवार को कहा कि, पैनल के सदस्य कृषि कानूनों(farm laws) पर अपने विचार व्यक्त करते हैं, उनके चयन से पहले अयोग्यता के लिए कोई आधार नहीं है और उनकी राय बदल सकती है।
Recommended Video
भारतीय किसान यूनियन (मान) के अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के अध्यक्ष भूपिंदर मान ने अपनी नियुक्ति के दो दिन बाद खुद को अदालत द्वारा नियुक्त पैनल से हटा लिया था। उन्होंने कहा था कि, मैं हमेशा अपने किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा। बिना किसी का नाम लिए सीजेआई ने कहा, कानून को समझने में कुछ भ्रम है। समिति का हिस्सा बनने से पहले एक व्यक्ति की एक राय हो सकती है लेकिन उसकी राय बदल सकती है। ऐसा कोई तरीका नहीं है कि ऐसा सदस्य किसी समिति का हिस्सा नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि, सिर्फ इसलिए कि किसी व्यक्ति ने इस मामले पर अपने विचार व्यक्त किए हैं, तो वह समिति का सदस्य होने के लिए योग्य नहीं है। आम तौर पर, एक समिति के गठन के बारे में समझ की कमी है। वे न्यायाधीश नहीं हैं। उच्चतम न्यायालय ने 11 जनवरी को तीन कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी, और एक चार सदस्यीय पैनल नियुक्त किया था। इसमें किसान नेता भूपिंदर सिंह मान, अनिल घनवट, एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट अशोक गुलाटी और प्रमोद जोशी शामिल किए गए थे। भूपिंदर सिंह ने गुरुवार को अपना नाम वापस ले लिया था।
भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने शीर्ष अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की, जिसमें समिति को पुनर्गठित करने के लिए कहा गया था, क्योंकि मान ने स्वयं और अन्य सदस्यों - अशोक गुलाटी, प्रमोद कुमार जोशी और अनिल घणावत ने इस कानून का समर्थन किया था। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की पहली बैठक शुरू हो गई। ये बैठक पूसा कैंपस में हो रही है। इस कमेटी के तीन सदस्य अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ), अनिल घनवत (महाराष्ट्र के बहुचर्चित शेतकारी संगठन के प्रमुख) और प्रमोद जोशी (कृषि मामलों के जानकार) मीटिंग कर रहे हैं। मीटिंग के बाद कमेटी तय करेगी कि कब-कैसे किसानों से बातचीत आगे बढ़ाई जाए और समस्या का सर्वमान्य हल निकाला जाए।
मध्य प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को शिवराज सरकार देगी डबल भत्ते का तोहफा, सैलरी में होगी बढ़ोतरी