जज लोया की मौत की जांच की मांग को लेकर पुनर्विचार याचिका, SC आज करेगा सुनवाई
नई दिल्ली। जज बीएच लोया मृत्यु की जांच को लेकर दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि जस्टिस लोया की प्राकृति मृत्यु हुई थी और इस मामले में पीआईएल का दुरुपयोग राजनीतिक लाभ के लिया गया था। सीबीआई कोर्ट के फैसले के इस मामले में पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है, जिसपर आज सर्वोच्च अदालत सुनवाई करेगा।
2014
में
हुई
थी
मृत्यु
आपको
बता
दें
कि
1
दिसंबर
2014
को
जज
लोया
की
कार्डिएक
अरेस्ट
की
वजह
से
मृत्यु
हो
गई
थी।
जिस
वक्त
उनकी
मृत्यु
हुई
थी
उस
वक्त
वह
नवंबर
2005
में
शोहराबुद्दीन
के
फर्जी
एनकाउंटर
मामले
की
सुनवाई
कर
रहे
थे।
इस
मामले
में
पुनर्विचार
याचिका
बॉबे
लॉयर्स
एसोसिएशन
की
ओर
से
दायर
की
गई
है।
इस
मामले
की
सुनवाई
सुप्रीम
कोर्ट
के
चीफ
जस्टिस
दीपक
मिश्रा
की
बेंच
सुनवाई
करेगी।
इससे
पहले
इस
कोर्ट
ने
मामले
की
एसआईटी
से
जांच
कराने
की
याचिका
को
ठुकरा
दी
थी।
फिर
से
मामले
को
गंभीरता
से
देखने
की
जरूरत
19
अप्रैल
को
कोर्ट
ने
अपनी
सुनवाई
के
दौरान
फैसले
में
कहा
था
कि
ऐसा
लग
रहा
है
जैसे
कोर्ट
की
कार्रवाई
को
सनसनीखेज
करने
की
कोशिश
की
जा
रही
है।
पुनर्विचार
याचिका
वरिष्ठ
वकील
दुष्यंत
दवे
की
ओर
से
दायर
की
गई
है,
उन्होंने
कहा
कि
कोर्ट
द्वारा
जो
आदेश
दिया
गया
है
कि
उसे
फिर
से
गंभीरता
के
साथ
देखने
की
जरूरत
है।
इस
मामले
को
वृहद
स्तर
पर
जनहित
के
रूप
में
फिर
से
देखने
की
जरूरत
है।
इसे भी पढ़ें- राहुल गांधी का बड़ा हमला, राफेल कवर करने वाले पत्रकारों को मिल रही हैं धमकी
कोर्ट
ने
की
थी
तल्ख
टिप्पणी
इसले
पहले
कोर्ट
में
दायर
पीआईएल
पर
सुनवाई
करते
हुए
कोर्ट
ने
अपने
फैसले
में
कहा
था
कि
पीआईएल
का
मतलब
कमजोर
और
निर्दयी
लोगों
को
सहायता
प्रदान
करना
था,
लेकिन
अब
वे
व्यापार
और
राजनीतिक
प्रतिद्वंद्विता
को
सुलझाने
के
लिए
एक
उद्योग
बन
गए
हैं।
न्यायाधीशों
और
न्यायपालिका
पर
'गलत
आरोप'
थे।
इन
दिनों
व्यापार
और
राजनीतिक
महत्वाकांक्षा
को
हल
करने
के
लिए
पीआईएल
का
पहाड़
दायर
किया
जा
रहा
है
और
न्यायपालिका
को
ऐसे
पीआईएल
में
अनमोल
समय
अनावश्यक
रूप
से
बिताना
पड़ता
है
जिससे
अन्य
मामलों
में
न्याय
देने
में
देरी
हो
जाती
है।
पढ़िए, जस्टिस लोया मामले में सुप्रीम कोर्ट की 14 बड़ी टिप्पणियां