सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक
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नई दिल्ली। मुंबई के आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में विशेष बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने कानून के छात्रों की ओर से पेड़ों को काटने के विरोध में लिखे गए पत्र को जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई की बात कही थी। उत्तरी मुंबई में मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए आरे कॉलोनी में 2,600 से अधिक पेड़ों की कटाई का आदेश जारी कर दिया गया था, जिसका भारी विरोध हो रहा था।
इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या आपके पास इस बात का सबूत हैं कि आरे पहले जंगल या इको सेंसेटिव जोन में आता था, अगर ऐसा था तो क्या सरकार ने इसे बदला? कोर्ट ने पूछा कि इस इलाके में विकास कार्य नहीं किए जा सकते थे, इसके हमें दस्तावेज दिखाएं। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर तत्काल रोक लगा दी है। साइट पर कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही उन कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था, जिनको प्रदर्शन करने के दौरान हिरासत में लिया गया था। वहीं, सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पर्यावरण हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है, पौधे लगाए जा रहे हैं। इस पर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि पौधे लगाना अलग बात है और उनकी देखभाल करना अलग बात।
इस मामले में अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से अपना पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट में कहा कि अगले आदेश तक एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की स्पेशल बेंच ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई रोकने के मामले पर सुनवाई की।