महेंद्र सिंह धोनी का डाटा लीक कैसे हुआ, आधार पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार से सवाल
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नई दिल्लीः आधार मामले पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। गुरुवार को आधार मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की कांस्टीट्यूशन बेंच ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि आप आधार के फुलप्रूफ होने की बात करते हैं लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का डाटा कैसे लीक हो गया।
इस
मामले
में
एक
फैसला
पढ़ते
हुए
जस्टिस
चंद्रचूड़
ने
कहा
कि
किसी
देश
का
संवैधानिक
लोकतंत्र
तभी
तक
जीवित
रहता
है,
जब
तक
नागरिकों
को
भरोसा
रहता
है।
देश
में
कानून
का
शासन
होगा
बहुत
जरुरी
है।
पिटीशनर्स की ओर से सीनियर एडवोकेट श्याम दिवान ने कहा कि आधार प्रोसेस करने में तीन समस्याएं हैं। पहली विश्वसनीयता, दूसरी जानकारी का भरोसेमंद होना और तीसरी मौलिक अधिकारों का उल्लंघन।
वरिष्ठ वकील ने कहा कि आधार एनरोलमेंट फार्म में ऐसा कुछ नहीं है जो ये कहे कि आधार स्वैच्छिक है। सुप्रीम कोर्ट की बैंच के सामने वकील का कहना था कि मेरी निजी जानकारी देने के लिए कोई सरकार कैसे बाथ्य कर सकती है।
इस सवाल के जवाब में जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि लोग तो कंपनियों को भी जानकारियां देते हैं और आजकल तो मोबाइल भी उंगली के निशान से खुल रहे हैं तो फिर आधार में क्या दिक्कत है।
जस्टिस चंद्रचूड़ के जवाब में वरिष्ठ वकील दिवान का कहना था कि समस्या यह है कि उन्हें जानकारी देने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जिन्हें आप जानते नहीं।"
बता दें, साल 2016 मार्च के महीने में महेंद्र सिंह धोनी के आधार कार्ड की डिटेल सार्वजनिक हो गई थी, जिसके बाद उनकी पत्नी ने साक्षी ने नाराजगी जाहिर की थी। साक्षी ने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद को इस पर निशाने पर लिया था।
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