आम्रपाली ग्रुप से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, चपरासी के खाते में कैसे आए 140 करोड़ रुपए
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल कुमार शर्मा चेतावनी दी है कि वह घर खरीदने के लिए ग्राहकों के पैसे की जानकारी दें अन्यथा उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने शर्मा से पूछा कि कि उन्होंने 94 करोड़ रुपए जोकि ग्राहकों का था वह उनके बैंक खाते मे कैसे आया, साथ ही कहा है कि अगर उन्होंने उस वक्ति के बारे में जानकारी नहीं दी जिसने कंपनी के शेयर 140 करोड़ रुपए में मल्टी नेशनल पार्टी जेपी मॉर्गन के जरिए खरीदी तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।
सीईओ
को
आखिरी
मौका
सुप्रीम
कोर्ट
ने
शर्मा
को
आखिरी
मौका
दिया
है
औ
कहा
है
कि
वह
ग्राहकों
का
6.55
करोड़
रुपए
वापस
करें
जिसे
उन्होंने
अपनी
बेटी
के
खाते
में
28
फरवरी
को
ट्रांसफर
किया
था
साथ
ही
उनके
बैंक
खाते
में
आए
94
करोड़
रुपए
की
जानकारी
मांगी
है।
कोर्ट
ने
एक
वैल्युअर
को
भी
नियुक्त
किया
है
जोकि
आम्रपाली
के
5229
फ्लैट्स
की
सही
कीमत
की
जानकारी
देगा
जिसे
आम्रपाली
ने
1,
11
और
12
करोड़
रुपए
में
बुक
किया
था।
कोर्ट
ने
वैल्युअर
को
अगली
सुनवाई
तक
अपनी
रिपोर्ट
पेश
करने
के
लिए
कहा
है।
अन्य
प्रोजेक्ट
पर
भी
नजर
सुप्रीम
कोर्ट
के
जज
जस्टिस
अरुण
मिश्रा,
यूयू
ललित
की
बेंच
ने
मामले
की
सुनवाई
करते
हुए
द
रॉयल
गोल्फ
लिंक
सिटी
प्रोजेक्ट्स
प्राइवेट
लिमिटेड
को
भी
कटघरे
में
खड़ा
किया
और
इसके
शेयर
की
जानकारी
मांगी
है।
साथ
ही
इसके
प्रमोटर्स
के
नाम
और
बैलेंस
शीट
की
जानकारी
भी
कोर्ट
ने
मांगी
है।
फॉरेंसिक
ऑडिटर्स
की
टीम
ने
कोर्ट
को
इस
बात
की
जानकारी
दी
है
कि
इस
प्रोजेक्ट
के
लिए
जमीन
को
आम्रपाली
ने
ही
खरीदा
था
और
मुमकिन
है
कि
इस
प्रोजेक्ट
में
भी
मुख्य
साझीदार
आम्रपाली
ग्रुप
है।
कोर्ट
ने
मांगी
जानकारी
कोर्ट
ने
इस
मामले
की
सुनवाई
करते
हुए
कहा
कि
हम
यह
जानना
चाहते
हैं
कि
जमीन
के
लिए
किसने
और
कितना
पैसे
का
भुगतान
किया।
कौन
लोग
कंपनी
के
प्रमोटर
हैं
और
कौन
कंपनी
के
शेयरहोल्डर्स
हैं।
हम
यह
भी
जानना
चाहते
हैं
कि
मौजूदा
समय
में
जमीन
की
क्या
कीमत
है।
अगर
यह
ईमानदारी
की
निवेश
है
तो
हम
इसपर
कुछ
नहीं
कहेंगे
लेकिन
अगर
ऐसा
नहीं
है
तो
हम
इस
जमीन
को
वापस
ले
लेंगे।
बता
दें
कि
रॉयल
गोल्फ
लिंक
प्रोजेक्ट्स
प्राईवेट
लिमिटेड
की
ओर
से
वकील
निखिल
नैय्यर
कोर्ट
में
पेश
हुए
थे।
कैसे
चपरासी
के
खाते
में
पहुंचा
140
करोड़
कोर्ट
ने
पूछा
कि
आखिर
कैसे
कंपनी
ने
नीलकंठ
और
रुद्राक्ष
जैसी
अनजान
कंपनी
को
140
करोड़
रुपए
के
शेयर
बेच
दिए।
कोर्ट
ने
इस
बात
पर
भी
सवाल
खड़ा
किया
कि
नीलकंठ
और
रुद्राक्ष
कंपनी
का
मालिक
चंदन
कुमार
है
जोकि
कंपनी
का
चपरासी
था
और
वह
विवेक
मित्तल
का
संबंधी
था।
कोर्ट
ने
कहा
कि
हम
आम्रपाली
के
सीएमडी
अनिल
कुमार
शर्मा
से
अतुल
मित्तल
की
जानकारी
लेंगे
और
उसे
जेल
भेजेंगे
अगर
उसकी
जानकारी
नहीं
दी
जाती
है।
यह
एक
गंभीर
फर्जीवाड़ा
है,
आखिर
कैसे
ऑफिस
के
चपरासी
के
खाते
में
140
करोड़
रुपए
पहुंच
गए
जिसने
आम्रपाली
के
शेयर
खरीदे।
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