सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्युनिकेशन के AGR बकाया की वसूली को लेकर केंद्र से मांगा जवाब
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दूरसंचार विभाग (डीओटी) से कहा है कि रिलायंस जियो से रिलायंस कम्युनिकेशंस का समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया की वसूली को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने विस्तार में दूरसंचार विभाग से अपना जवाब देने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई बुधवार (19 अगस्त) को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि एजीआर के मामले में क्या रिलायंस जियो को आरकॉम से स्पेक्ट्रम साझा करने पर राजस्व अर्जित करने पर देय के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है। वहीं केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा है कि एजीआर बकाया की वसूली के लिए कोर्ट के किसी भी निर्णय का समर्थन करेगी।
इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी। इसमें मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस जियो द्वारा अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन में हिस्सेदारी खरीदने के बाद भी रुके एजीआर की रकम को लेकर सवाल किए गए थे। आरकॉम पर एजीआर का कुल बकाया 25,199 करोड़ रुपए हैं। ये कंपनी पिछले साल दिवालिया घोषित की जा चुकी है। 2016 में रिलायंस जियो ने आरकॉम के 9 सर्कलों में स्पेक्ट्रम को खरीदा था। सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को इस पर सुनवाई करते हुए रिलायंस जियो के आरकॉम में साल 2016 में हिस्सेदारी लेने के बाद एजीआर की रकम अदायगी नहीं होने पर सवाल किए थे।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया था कि रिलायंस जियो, जो स्पेक्ट्रम साझाकरण समझौते के तहत आरकॉम के स्पेक्ट्रम का उपयोग कर रहा है, को आरकॉम के एजीआर बकाया का भुगतान नहीं करना चाहि। हरीश साल्वे ने जियो की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जियो किसी आईबीसी कार्यवाही में शामिल नहीं है और आरकॉम स्पेक्ट्रम प्राप्त नहीं कर रहा है।
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