सुप्रीम कोर्ट ने दी सहारा ऐंबी वैली को टुकड़ों में बेचने की इजाजत
नई दिल्ली। सहारा की ऐंबी वैली को अलग-अलग हिस्सों में में बांटकर अब इसकी नीलामी की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वैली को टुकड़ों में बेचने की मंजूरी दे दी है। सहारा की पुणे की पूरी एंबे वैली का कोई खरीदार नहीं मिलने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट की ओर से नियुक्त किए गए लिक्विडेटर ने सुप्रीम कोर्ट से एंबे वैली की संपत्ति को टुकड़ों में बेचने की इजाजत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने लिक्विडेटर और रिसीवर को इसकी इजाजत दे दी।
संपत्तियों को अलग-अलग बेचें
अदालत ने बुधवार को कहा कि अगर जरूरत पड़े तो 19 अप्रैल तक एंबे वैली की टुकड़ों में नीलामी की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि संपत्ति जैसे गोल्फ कोर्स, रेस्तरां, कान्वेंशन हॉल, हवाई पट्टी आदि को अलग-अलग बेचा जा सकता है क्योंकि सभी 48 संपत्तियों को साथ में बेचा नहीं जा पा रहा है। सहारा की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि हमने डिजिटलाइजेशन में 50 करोड़ रुपये खर्च किया है, जिन्हें पैसा दिया है उनका वैरिफिकेशन किया जाए और जल्द मामले की सुनवाई हो।
दो कंपनियों ने दिखाई वैली को खरीदने में दिलचस्पी
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस ए. के सीकरी की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी गई कि दो भारतीय कंपनियों महिंद्रा लाइफस्पेस डिवेलपर और परिमल ग्रुप ने इन संपत्तियो को खरीदने में दिलचस्पी ली है।
सेबी और सहारा ग्रुप में चल रहा है मुकदमा
सहारा ग्रुप और सेबी के बीच निवेशकों के 24 हजार करोड़ रुपए लौटाने को लेकर मुकदमा चल रहा है। इसी राशि के हिस्से के रूप में समूह को 9 हजार करोड़ रुपए कोर्ट में जमा कराने हैं। सहारा ने इसके लिए कोर्ट से 18 हफ्तों का समय मांगा था, जिसे खारिज करते हुए कोर्ट ने एंबे वैली को नीलाम करने का आदेश दिया था। 23 नवंबर, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने एंबे वैली की नीलामी के लिए फिर से बोली लगवाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने 1 दिसंबर से नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था।
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