SC ने इस शर्त के साथ पत्रकारों को फोन कोर्ट में लाने की इजाजत दी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में आज पत्रकारों को सुप्रीम कोर्ट के भीतर मोबाइल फोन लाने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को कोर्ट के भीतर मोबाइल फोन लाने की अनुमति दी है। लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने पत्रकारों के सामने फोन लाने पर एक शर्त भी रख दी है। जो पत्रकार कोर्ट के भीतर अपना फोन लेकर आएंगे उन्हें अपना फोन साइलेंट मोड पर रखना होगा।
साइलेंट मोड पर रखना होगा फोन
इसके साथ ही कोर्ट की ओर से यह भी साफ कहा गया है कि अगर कोर्ट के भीतर फोन की वजह से किसी भी तरह का व्यवधान होता है तो फोन को जब्त कर लिया जाएगा। इस बाबत एक सर्कुलर भी जारी किया गया है, जिसमे कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने मीडिया पर्सन, पत्रकारों को कोर्ट के भीतर फोन लाने की अनुमति दे दी है, जिनके पास कोर्ट में आने का कम से कम छह महीने का पास है, लेकिन फोन को कोर्ट के भीतर साइलेंट मोड पर रखना होगा
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मई माह में जारी हुआ था सर्कुलर
आपको बता दें कि इससे पहले मई माह में सर्कुलर जारी करके कहा गया था कि सिर्फ मान्यता प्राप्त पत्रकारों को कोर्ट के भीतर मोबाइल फोन लाने की इजाजत होगीष लेकिन बाद में इस फैसले का कई पत्रकारों ने विरोध किया और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के सामने यह मसला उठाया। जिसके बाद सर्कुलर जारी करके गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी कोर्ट के भीतर फोन लाने की इजाजत दे दी गई, जिनके पास कोर्ट के भीतर आने का 6 महीने का पास है।
पत्रकारों ने फैसले को सराहा
कोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि यह पहली बार है जब कोर्ट ने पत्रकारों को परिसर के भीतर फोन लाने की इजाजत दी है। उन्होंने बताया कि हालांकि लिखित रूप से मोबाइल फोन लाने पर प्रतिबंध नहीं था, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर यह फैसला लिया गया था। कोर्ट में वकीलों को फोन लाने की इजाजत है, लेकिन उन्हें भी फोन को साइलेंट मोड पर रखने को कहा गया है। कोर्ट के इस फैसले का उन तमाम पत्रकारों ने स्वागत किया है जो कोर्ट की कार्रवाई को कवर करते हैं।
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