सुप्रीम कोर्ट राफेल मामले में रिव्यू पिटिशन की सुनवाई ओपन कोर्ट में करेगा
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को राफेल डील मामले में रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। ये रिव्यू पिटिशन सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल 14 दिसंबर को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने फैसले में रिव्यू पिटिशन पर ओपन कोर्ट में सुनवाई का फैसला लिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने दो रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई करते हुए ये फैसला लिया। एक रिव्यू पिटिशन पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा,अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण ने और दूसरी आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने दाखिल की थी।\
फैसला केंद्र सरकार के गलत दावों पर आधारित
कोर्ट में दाखिल रिव्यू पिटिशन में में कहा गया है कि फैसला केंद्र सरकार के गलत दावों पर आधारित है। केंद्र सरकार ने सील बंद लिफाफे में जो दावे किए हैं, वे गलत हैं और उसी आधार पर फैसला सुनाया गया है। ऐसे में पुराने फैसले को वापस लिया जाए और ओपन कोर्ट में रिव्यू पिटिशन की सुनवाई की जाए। याचिका में ये भी कहा गया है कि केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ गलत और गुमराह करने वाले बयान के मद्देजनर कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि सील बंद लिफाफे में गलत जानकारी दी गई।
मोदी सरकार को मिली थी क्लीन चिट
गौरतलब है कि राफेल लड़ाकू विमान के खरीद के मामले में मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से पिछले महीने बड़ी राहत मिली थी। राफेल खरीद प्रक्रिया और इंडियन ऑफसेट पार्टनर के चुनाव में सरकार द्वारा भारतीय कंपनी को फेवर किए जाने के आरोपों की जांच की गुहार लगाने वाली तमाम याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फैसला लेने की प्रक्रिया में कहीं भी कोई संदेह की गुंजाइश नहीं है। इसके बाद मोदी सरकार ने राहुल गांधी पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया था। वहीं राहुल गांधी का कहना था कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कई बातें छिपाई थी।