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आधार को SC ने पूरी तरह वैध ठहराया, डेटा सिक्योरिटी के लिए कानून बनाने को कहा

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Supreme Court ने Aadhaar Card को दी संवैधानिक मान्यता, कहा ये गरीबों की ताकत है । वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड की वैधता को लेकर पर आज अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट में आधार मामले की सुनवाई के दौरान यह सवाल उठा था कि राइट टु प्रीवेसी मौलिक अधिकार है या नहीं? जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है। आधार को चुनौती देने वाले वकील गोपाल सुब्रमण्यम का कहना था कि आधार स्कीम के जरिए नागरिकों को सरकार की दया के सहारे छोड़ दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता पर कहा कि ये आम आदमी की पहचान बन चुका है।

supreme court aadhaar verdict: judgment on constitutional validity

जस्टिस एके सीकरी ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि जरूरी नहीं है कि हर चीज बेस्ट हो, कुछ अलग भी होना चाहिए। आधार कार्ड पिछले कुछ साल में चर्चा का विषय बना है। आधार कार्ड गरीबों की ताकत का जरिया बना है, इसमें डुप्लीकेसी की संभावना नहीं है। आधार कार्ड पर हमला करना लोगों के अधिकारों पर हमला करने के समान है। जस्टिस सीकरी ने कहा कि आधार को होना आपको अलग बनाता है। कोर्ट ने कहा कि बायोमैट्रिक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। UIDAI नंबर यूनिक है और इसका इस्तेमाल किसी अन्य व्यक्ति के लिए नहीं किया जा सकता है।

स्कूलों में दाखिले के लिए आधार जरूरी नहीं

आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला पढ़ते हुए कहा कि आधार से समाज को लाभ मिल रहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से कहा कि जितनी जल्द हो सके मजबूत डेटा संरक्षण कानून लाएं। सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि स्कूलों में दाखिले के लिए आधार जरूरी नहीं होगा। आधार को बैंक अकाउंट से लिंक नहीं करा सकते हैं। बैंक खातों के लिए आधार जरूरी नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि आधार एक्ट में ऐसा कुछ नहीं है जिससे किसी की निजता पर सवाल खड़ा हो।

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बैंक अकाउंट, मोबाइल से लिंक करना अनिवार्य नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घुसपैठियों का आधार न बने, सरकार सुनिश्चित करे। सरकार की कई दलीलों को कोर्ट ने दरकिनार करते हुए फैसला दिया कि मोबाइल से आधार लिंक करना जरूरी नहीं है। कोर्ट ने कहा कि आधार एक्ट को किसी मनी बिल के तौर पर नहीं पास किया जा सकता है। आधार UGC, CBSE और NEET परीक्षाओं के लिए अनिवार्य नहीं होगा।

पैन से लिंक करना अनिवार्य

सुप्रीम कोर्ट ने PAN से आधार लिंकिंग को अनिवार्य बताया। साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न के लिए आधार अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बायोमैट्रिक डेटा बिना अदालत की मंजूरी के किसी एजेंसी को नहीं दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सरकार को किसी भी शख्स की निजता की सुरक्षा करना जरूरी, कम से कम जानकारी मांगी जाए। आधार ऑथेंटिकेशन रिकॉर्ड छह महीने से अधिक तक नहीं रखा जाना चाहिए।

निजी कंपनी नहीं मांग सकतीं आधार

कोर्ट ने सेक्शन 57 को खारिज किया, यानी किसी भी प्राइवेट कंपनी, शिक्षण संस्थान, बैंक, परीक्षा एजेंसियों, मोबाइल कंपनियों की तरफ से आधार नहीं मांगा जाना चाहिए। नया सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए आधार अनिवार्य नहीं है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण की 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। वहीं, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आधार प्राइवेसी और डेटा प्रोटेक्शन के अधिकारों का उल्लंघन करता है।

इसके पहले, सुब्रमण्यम ने कहा था कि अगर यूएआईएडीआई के फैसले से कोई प्रभावित होता है तो ऐसी स्थिति में नागरिक कहां जाएगा। वहीं केंद्र की ओर से भी इस मामले में दलील दी गई थी कि आधार नागरिक फ्रैंडली है। केंद्र की तरफ से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि अभी देश में 96 फीसदी लोगों के पास आधार है। आधार नागरिक फ्रैंडली योजना है और ये सुरक्षित योजना है। अगर किसी के पास आधार नहीं है तो भी किसी बेनिफिट से वंचित नहीं किया जाएगा।

English summary
supreme court aadhaar verdict: judgment on constitutional validity
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