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मिलिए गुजरात के ऐसे इंजीनियर से जो खुद को बताता है भगवान का अवतार

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नई दिल्ली। गुजरात में सरदार सरोवर पूनर्वसाहत एजेंसी में कार्यरत सुप्रीटेंडेंड इंजीनियर रमेशचंद्र फेवर खुद को भगवान विष्णु का अवतार मानते हैं। उनका दावा है कि वह भगवान विष्णु के कल्की अवतार हैं। दरअसल रमेशचंद्र पिछले 8 महीनों मेमं सिर्फ 16 दिन ऑफिस गए हैं, लेकिन इस बाबत उनका तर्क काफी दिलचस्प है। रमेशचंद्र का कहना है कि वह भगवान विष्णु के अवतार हैं, लिहाजा वह शरीर से ऑफिस में मौजूद रहते हैं।

engineer

देश को सूखे से बचाने के लिए कर रहे हैं ध्यान

आपको बता दें कि सरदार सरोवर पनर्वसाहत एजेंसी सरदार सरोवर प्रोजेक्ट से प्रभावित लोगों की मदद करती है। इस एजेंसी में कार्यरत इंजीनियर के बारे में जब यह पता चला कि वह पिछले 8 महीनों में सिर्फ 16 दिन ऑफिस गए हैं तो उन्हें 15 मई को विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं भगवान विष्णु का कल्की अवतार हूं और पांचवे आयाम में हूं और शारीरिक रूप से दफ्तर में रहता हूं। उन्होंने यह जवाब एसएसपीए के कमिश्नर शाहमीना हुसैन को दिया है। रमेशचंद्र राजकोट के रहने वाले हैं, उनका कहना है कि वह ऑफिस इसलिए नहीं आ पाते हैं क्योंकि वह देश में सूखे से बचाने के लिए ध्यान करते हैं।

ध्यान के जरिए ही अपना काम करता हूं

अपने जवाब में रमेशचंद्र ने लिखा है कि मैं ध्यान के जरिए ही अपने काम करता हूं, मैं ऑफिस में बैठकर काम नहीं कर पाता हूं, लिहाजा शारीरिक रूप से मैं दफ्तर में नहीं रहता हूं। इसके साथ ही उन्होंने एक संलग्नक भी लगाया है जिसमे कहा है कि जय मां, मुझे भगवान के खिलाफ जो शक्तियां हैं वो काम करने से रोक रही हैं, क्योंकि वह सूख से देश को बचाना चाहते हैं। उनका दावा है कि गुजरात में बांध से पानी उनकी पूजा की वजह से ही बहा है। 2013, 2016, 2017 में मां जगदंबा ने ही हमे सूखे से बचाया था।

अंबे मां ने मुझे चुनौती दी थी

मां ने मुझे सोमनाथ मंदिर में लगातार ध्यान करने के लिए भेजा था, जहां दो रात और तीन दिन तक मैंने मंदिर के पूजा की। जिसके बाद भगवान विरोधी शक्तियां मेरी पत्नी के शरीर में प्रवेश कर गईं ताकि मुझसे लड़ सके, लेकिन मैंने उसपर ध्यान नहीं दिया। 13 सितंबर 2013 को मां ने मुझसे कहा कि हल्की बारिश में स्नान करो ताकि सभी बांधों में पानी आ सके। मां के आदेश का मैंने पालन किया। मां ने मुझसे कहा कि पर्वत पर टहलने जाओ और मुझे चुनौती दी कि अगर मैं विष्णु का अवतार हूं तो मच्चू बांध को दो दिन के भीतर आधार भर जाना चाहिए। लेकिन भगवान के खिलाफ ताकतों ने मेरे खिलाफ काम किया और मैं ऐसा नहीं कर सका। लेकिन 10 दिन के भीतर मैंने यह कर दिखाया और मच्चू डैम आधा भर गया।

मैंने सतयुग का निर्माण किया

रमेशचंद्र का कहना है कि दफ्तर आने से मैं अपनी आस्था में पूरी तरह से डूबा नहीं रह सकता हूं, लिहाजा मैं शरीर से दफ्तर में नहीं आ सकता हूं। उन्होंने पूछा है कि क्या मेरा दफ्तर में आना जरूरी है या फिर घर में रहकर देश को सूखे से बचाना। मैं कल्की का अवतार हूं मैंने यह करके दिखाया है, क्योंकिक मैंने 16 सितंबर 2012 से सतयुग का निर्माण किया है।

पीएम को भेजा था मैसेज

यही नहीं रमेशचंद्र का कहना है कि उन्होंने अपनी पत्नी को छह बार शोषित किया है क्योंकि उसने मंत्र का जाप करने से मना कर दिया था, लेकिन अब मेरे डर की वजह से वह मंत्रों का जाप करती है और गलत शक्तियां उससे दूर रहती हैं। उन्होंने यह भी दावा किया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को भी मैसेज किया था, जिसकी वजह से गोवा में भाषण के दौरान उनकी आंखों में आंसू आ गया था।

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English summary
Superintendent Engineer calls himself Vishnu Avtar attended office 16 days in 8 months in Gujarat.
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