Super Pink Moon: ऐसा दिख रहा है साल का सबसे बड़ा सुपर पिंक मून, जानिए कैसे पड़ा है नाम?
Super Pink Moon: ऐसा दिखा साल का सबसे बड़ा सुपर मून, कैसे पड़ा है नाम?
नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस के खतरे के बीच आज सुपर पिंक मून नजारा किया जा सकता है। भारत में 7 अप्रैल की शाम से शुरू होकर बुधवार सुबह तक सुपर पिंक मून देखा जा सकेगा। यानी आज रात आसमान में साल का सबसे बड़ा चांद दिखाई देगा। आप भी छत पर जाकर चांद को देख सकते हैं। भारत सहित कई देशों में पूर्णिमा के मौके पर धरती के बहुत पास होने के कारण चांद कुछ लालिमा लिए और थोड़ा बड़ा भी दिखाई देखाई देगा।
चांद और धरती के बीच की दूरी सबसे कम हो जाती है
जब चांद और धरती के बीच की दूरी सबसे कम हो जाती है और चंद्रमा की चमक बढ़ जाती है, उस परिस्थिति में चांद को सुपरमून कहा जाता है। इस दौरान चांद आम दिनों की तुलना में 14 फीसदी ज्यादा बड़ा और 30 फीसदी तक ज्यादा चमकीला दिखाई देता है। इसको लेकर अलग-अलग धर्मों में भी कई तरह से उल्लेख किया गया है।
फूल से मिला है नाम
इस दौरान चांद का रंग गुलाबी सा लगता है और ये बड़ा होता है इसलिए इसे पिंक सुपरमून नाम मिला है। 'पिंक मून' नाम का मतलब यह नहीं है कि इस दिन चंद्रमा का रंग गुलाबी दिखाई देता है, बल्कि यह नाम एक गुलाबी फूल से आता है, जो अमेरिका और कनाडा में इस मौसम में उगता है और इसे पिंक सुपरमून कहा जाता है।
कई बार दिखता है चांद का अलग रंग
चांद कई बार अलग-अलग रंगों का दिखता है। दरअसल चांद रोशनी के लिए सूर्य पर निर्भर करता है। उसकी खुद की कोई रोशनी नहीं होती। चांद की सतह से टकराकर लौटने वाली रोशनी से ही चांद धरती पर लोगों को दिख पाता है। सूर्य और चांद के बीच पृथ्वी की स्थिति के कारण ही चांद के रंग में अंतर पड़ा जाता है। पृथ्वी के कारण सूरज की पूरी रोशनी चांद पर नहीं पड़ती और चांद के रंगों में बदलाव आ जाता है।
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