सनी देओल ने गुरदासपुर में प्रतिनिधि नियुक्त करने पर दी सफाई, बताई ऐसा करने की वजह
मुंबई। अभिनेता से नेता बने सनी देओल ने पंजाब के अपने गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र का कामकाज देखने और विभिन्न बैठकों में शामिल होने के लिए प्रतिनिधि के तौर पर गुरप्रीत सिंह पलहेड़ी को नियुक्ति किया है। प्रतिनिधि नियुक्त किए जाने के बाद से विवाद शुरू हो गया है। सनी देओल ने अब इस मामले पर सफाई दी है। उन्हें नियुक्ति को लेकर हो रहे विवाद को बेवजह और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इसे लेकर उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट भी लिखी है।
सनी देओल ने लिखा कि, बेवजह विवाद खड़ा किया जा रहा है। मैंने अपने पीए को गुरदासपुर में ऑफिस प्रतिनिधित्व बनाया था। ये नियुक्ति इसलिए की गई थी ताकि जब भी मैं संसद या किसी काम के सिलसिले में गुरदासपुर से बाहर रहूं, तो वहां बिना किसी रुकावट के काम हो पाए। प्रतिनिधि नियुक्त करने का मेरा मकसद सिर्फ समय पर सभी विकास कार्य कराना और लोगों की समस्याओं का समय पर समाधान कराना है। मैं नहीं चाहता कि मेरे बाहर रहने की वजह से काम रुके और विकास बाधित हो।
बता दें कि, पिछले हफ्ते सनी देओल ने अपने निजी सहायक को गुरदासपुर लोकसभा सीट के लिए अपना प्रतिनिधी नियुक्त किया था, इस नियुक्ति के बाद सनी देओल विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं। कैंप ऑफिस जनपथ से जारी एक पत्र के अनुसार गुरप्रीत सिंह हलके के महत्वपूर्ण मुद्दों और मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए आधिकारिक तौर पर सनी देओल के प्रतिनिधि होंगे।
वहीं पेशे से लेखक और लाइन प्रोड्यूसर पलहेड़ी ने बताया कि यह पत्र 26 जून को जारी हुआ है। हालांकि, इस मामले पर हो रहे विवाद को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, 'यह (नियुक्ति) स्थानीय मुद्दों के लिए है। यह गुरदासपुर के लोगों की 24 घंटे की सेवा में होने जैसा है। उन्होंने कहा कि देओल हर महीने गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र का दौरा करेंगे। वह संसद सत्र के समाप्त होने के बाद गुरदासपुर आएंगे।
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